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सांसदों को कितनी सैलरी मिलती है, क्या सांसद के मंत्री बनने पर अलग-अलग पेंशन मिलेगी? जानें हर सवाल का जवाब

अपने देश के सांसदों को न केवल एक अच्छी सैलरी मिलती है, बल्कि विभिन्न भत्ते, सुविधाएं और पेंशन का लाभ भी मिलता है. आइए विस्तार से समझते हैं कि सांसद बनने के बाद उन्हें कितनी सैलरी मिलती है, अगर वे मंत्री बनते हैं तो क्या दोनों पदों की पेंशन अलग-अलग मिलेगी, और क्या दो या तीन बार सांसद बनने पर अलग-अलग पेंशन मिलती है...

सांसदों को कितनी सैलरी मिलती है, क्या सांसद के मंत्री बनने पर अलग-अलग पेंशन मिलेगी? जानें हर सवाल का जवाब
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MPs Salary and Pension​: केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन, भत्तों और पेंशन में 24 फीसदी का इजाफा किया है, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी. संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सांसदों का मासिक वेतन अब 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 24 हजार कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, सांसदों का दैनिक भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है. वहीं, पूर्व सांसदों की मासिक पेंशन 25 हजार से बढ़ाकर 31 हजार रुपये किया गया है.

पांच साल से अधिक की सेवा के लिए मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन भी 2000 से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दी गई है. सरकार ने यह वृद्धि लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (Cost Inflation Index) के आधार पर की है, जिससे सांसदों और पूर्व सांसदों को आर्थिक लाभ मिलेगा.


सांसदों को कितनी सैलरी और पेंशन मिलती है?

भारत में सांसदों को न केवल एक आकर्षक वेतन मिलता है, बल्कि विभिन्न भत्ते, सुविधाएँ और पेंशन भी दी जाती हैं. आइए विस्तार से समझते हैं कि सांसद बनने के बाद उन्हें कितनी सैलरी मिलती है, अगर वे मंत्री बनते हैं तो क्या दोनों पदों की पेंशन अलग-अलग मिलेगी, और क्या दो या तीन बार सांसद बनने पर अलग-अलग पेंशन मिलती है...

1. सांसद बनने पर सैलरी और सुविधाएं

(A) वर्तमान वेतन संरचना

सांसदों को मासिक वेतन और विभिन्न भत्ते दिए जाते हैं. वर्तमान में एक सांसद को मिलने वाली सैलरी और अन्य लाभ इस प्रकार हैं:

  • मूल वेतन: ₹1,00,000 प्रति माह
  • निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: ₹70,000 प्रति माह
  • कार्यालय व्यय भत्ता: ₹60,000 प्रति माह
  • भत्ता और अन्य सुविधाएं:
  • रेल और हवाई यात्रा मुफ्त
  • दिल्ली में सरकारी आवास
  • 50,000 यूनिट तक मुफ्त बिजली
  • 4,000 किलोलीटर मुफ्त पानी
  • फोन और इंटरनेट सुविधाएँ
  • मेडिकल सुविधाएँ (CGHS के तहत)
  • - निजी सचिव और स्टाफ के लिए भत्ता

2. सांसदों की पेंशन प्रणाली

(A) एक बार सांसद बनने पर मिलने वाली पेंशन

  • यदि कोई व्यक्ति एक बार सांसद बनता है, तो उसे ₹25,000 प्रति माह पेंशन मिलती है.
  • यदि सांसद ने 5 साल से अधिक कार्यकाल पूरा किया है, तो उसे यह पेंशन जीवन भर मिलती है.

(B) दो या तीन बार सांसद बनने पर पेंशन में बढ़ोतरी

  • यदि कोई सांसद दोबारा चुना जाता है, तो उसकी पेंशन में ₹2,000 प्रति माह की अतिरिक्त वृद्धि होती है.
  • यानी अगर कोई व्यक्ति तीन बार सांसद रह चुका है, तो उसकी पेंशन ₹25,000 + (₹2,000 × 2) = ₹29,000 प्रति माह हो जाएगी.

(C) क्या सांसद को मंत्री बनने पर दोनों पेंशन मिलती है?

अगर कोई सांसद मंत्री बन जाता है, तो उसे सांसद के वेतन के साथ-साथ मंत्री का वेतन भी मिलता है, लेकिन मंत्री बनने के बाद सांसद की पेंशन बंद नहीं होती, बल्कि वह अलग से मिलती रहती है. यानी, मंत्री पद से रिटायर होने के बाद भी सांसद की पेंशन जारी रहती है और मंत्री पद की पेंशन भी मिलती है.

(D) मंत्री पद की पेंशन

केंद्रीय मंत्री को रिटायरमेंट के बाद ₹50,000 प्रति माह पेंशन मिलती है. यदि वह कैबिनेट मंत्री रह चुका है, तो उसकी पेंशन ₹75,000 प्रति माह हो सकती है.

सांसद के मरने के बाद परिवार को मिलती है पेंशन

सांसदों को कोई आयु सीमा नहीं होती पेंशन प्राप्त करने के लिए. अगर सांसद की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को पेंशन मिलती रहती है. राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सांसदों को समान वेतन और भत्ते मिलते हैं.


भारतीय सांसदों को उच्च वेतन, सुविधाएं और आजीवन पेंशन मिलती है. अगर कोई व्यक्ति कई बार सांसद बनता है, तो उसकी पेंशन बढ़ती रहती है. साथ ही, यदि कोई सांसद मंत्री बनता है, तो उसे दोनों की पेंशन अलग-अलग मिलती है. सांसदों को मिलने वाली ये विशेष सुविधाएं अक्सर बहस का विषय भी रहती हैं, क्योंकि आम जनता को इतनी अधिक सरकारी पेंशन नहीं मिलती.

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