Begin typing your search...

मुश्किल में कुणाल कामरा! अभी मिली थी अंतरिम जमानत, अब एक के बाद एक 3 FIR दर्ज

Kunal Kamra controversy: मुंबई पुलिस के अनुसार, एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर ने दर्ज की थी, जबकि अन्य दो शिकायतें एक होटल व्यवसायी और नासिक के एक व्यवसायी की ओर से आई थीं. खार पुलिस ने कामरा को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन वह अभी तक जांच के लिए पेश नहीं हुए हैं.

मुश्किल में कुणाल कामरा! अभी मिली थी अंतरिम जमानत, अब एक के बाद एक 3 FIR दर्ज
X
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 29 March 2025 11:06 AM IST

Kunal Kamra controversy: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बारे में कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कुणाल कामरा को उनके खिलाफ दर्ज कई FIR के सिलसिले में अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी. न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने शर्तों के साथ 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत का आदेश दिया.

कुणाल कामरा के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर की है. खार पुलिस ने नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक व्यापारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. खार पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है. खार पुलिस ने कुणाल कामरा को पूछताछ के लिए 2 बार बुलाया है, लेकिन वह अभी तक पेश नहीं हुए हैं.

कुणाल कामरा ने मीडिया पर लगाए थे आरोप

कुणाल कामरा ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत लेने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इससे पहले गुरुवार को कुणाल कामरा ने मुख्यधारा के मीडिया की आलोचना करते हुए उस पर सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था. कामरा ने मीडिया को गिद्ध बताया और गलत सूचना को फैलाने का आरोप लगाया. जबकि पुलिस के सामने जवाब देने से वह खुद डर रहे हैं और बार-बार नोटिस के बाद भी सामने पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे.

विवाद पर कामरा की प्रतिक्रिया

अपने ऊपर लगे आरोप को लेकर कुणाल कामरा ने अपने बयान में कहा, 'भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का इस्तेमाल केवल शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, भले ही आज का मीडिया हमें इससे अलग विश्वास दिलाए.'

उन्होंने आगे कहा, 'एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मज़ाक को बर्दाश्त न कर पाने से मेरे अधिकार की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आता. जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मज़ाक उड़ाना कानून के खिलाफ़ नहीं है.'

अगला लेख