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धरती पर Covid Lockdown से बदला चंद्रमा का तापमान, भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च ने चौंकाया

Covid Lockdown Impact on Moon: साल 2020 में पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति थी जिसका एकमात्र कारण है कि Covid 19 था. जिसके कारण लोग घरों में कैद थे. जिसका फर्क चांद पर देखा गया है. 2017 से 2023 के डाटा के अध्ययन में पाया गया कि चांद के तापमान में काफी अंतर है. 2020 में चांद का तापमान सबसे कम था.

धरती पर Covid Lockdown से बदला चंद्रमा का तापमान, भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च ने चौंकाया
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 30 Sept 2024 1:59 PM IST

Covid Lockdown Impact on Moon: आज से करीब चार साल पहले पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी थी जिसका एक मात्र कारण कोरोना था. जिसके कारण लोग घरों में कैद थे. जिसका असर अब चांद पर देखने को मिला है. भारतीय वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि अप्रैल-मई 2020 के दौरान कड़े लॉकडाउन में चांद की सतह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.

फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री (PRL) के दुर्गा प्रसाद और जी. अम्बीली ने 2017 से 2023 के बीच चांद की सतह पर नौ बार तापमान को मापने में सफलता हासिल की है. उन्होंने जिन स्थानों पर यह माप किया है, उनमें ओसियेनस प्रोसेलरम, मारे सेरेनिटैटिस, मारे इम्ब्रियम, मारे ट्रैंक्विलिटैटिस, और मारे क्रिसिअम के दो स्थान शामिल हैं. पीआरएल के अनिल भारद्वाज ने बताया कि उनके समूह द्वारा किया गया यह काम बहुत महत्वपूर्ण है और यह काफी अनोखा है

NASA के चांद अन्वेषण डाटा का उपयोग करते हुए रिसर्चकर्ताओं ने पाया कि लॉकडाउन के दौरान चांद के तापमान में 8 से 10 केल्विन (माइनस 265.15 से माइनस 263.15 डिग्री सेल्सियस) की गिरावट आई. इस तापमान की तुलना पिछले वर्षों के डेटा से की गई. दुर्गा प्रसाद ने कहा कि हमने 12 साल के डेटा का अध्ययन किया, लेकिन इस शोध में 2017 से 2023 तक के डेटा का ही उपयोग किया गया.

धरती पर लगा लॉकडाउन तो ठंडा हुआ चांद

विशेषज्ञों का मानना है कि धरती पर लॉकडाउन के कारण चांद में ठंडक आई. लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्रियों, वाहनों और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों में कमी आई, जिससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी गिरावट हुई. इसके परिणामस्वरूप, पृथ्वी के वायुमंडल में कम उष्मा फंसी और उत्सर्जित हुई. PRL के शोधकर्ताओं का मानना है कि लॉकडाउन के कारण पृथ्वी के रेडिएशन में कमी आई, जिससे चंद्रमा का तापमान घटा, चंद्रमा एक तरह से धरती के रेडिएशन सिग्नेचर का एम्प्लीफायर की तरह काम करता है.

लॉकडाउन के बाद बढ़ गया चांद का पारा

रिसर्च ने पाया कि अलग- अलग साल में कई जगहों पर तापमान में अंदर है. सबसे कम तामपमान 2020 में साइट 2 पर देखा गया. जोकि 96. 2 केल्विन था वहीं साल 2022 में सबसे कम तापमान का हाइ साइट 1 पर 2022 में दर्ज किया गया. साल 2020 में चांद की सतह पर अधिकतर जगहों पर तापमान दर्ज किया गया है. लेकिन लॉकडाउन हटने के बाद 2021 और 2022 में धीरे- धीरे चांद की सतह पर तापमान बढ़ने लगा.

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