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क्रिकेट के लिए ना पर हॉकी को हां, क्या पाकिस्तान को लेकर बदल गया मोदी सरकार का रुख?

आईओसी के नियमों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय (MHA), विदेश मंत्रालय (MEA) और खेल मंत्रालय ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान हॉकी टीम के भारत दौरे की मंजूरी दी है. केंद्र सरकार के इस रुख के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए वीजा प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. वहीं, हॉकी इंडिया ने इस फैसले का स्वागत किया है.

क्रिकेट के लिए ना पर हॉकी को हां, क्या पाकिस्तान को लेकर बदल गया मोदी सरकार का रुख?
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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से दोनों के बीच रिश्तों के बीच तल्खी बढ़ गई थी, लेकिन उसके बाद से मोदी सरकार का पाकिस्तान के प्रति रुख बदलने के संकेत मिल रहे हैं. अब मोदी सरकार के इस रुख की वरिष्ठ अफसर भी तारीफ करने लगे हैं, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच खेल को लेकर यह इजाजत सिर्फ हॉकी तक तक सीमित है.

भारत सरकार ने पाकिस्तान की हॉकी टीमों को एशिया कप और जूनियर विश्व कप में भाग लेने की इजाजत दी है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के संभावित प्रतिबंधों से बचने के लिए ये कदम उठाया है.

दरअसल, जब से नरेंद्र मोदी देश के पीएम बने हैं तभी से द्विपक्षीय क्रिकेट को लेकर सरकार का रुख पहले से ही साफ है. भारत की क्रिकेट टीम ना तो पाकिस्तान जाकर मैच खेलती है और ना ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम के भारत दौरे की इजाजत केंद्र सरकार देती है.

हॉकी इंडिया ने किया फैसले का स्वागत

इस रुख के उलट, हाल ही में गृह मंत्रालय (MHA), विदेश मंत्रालय (MEA) और खेल मंत्रालय ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान हॉकी टीम के भारत दौरे की मंजूरी दी है. केंद्र सरकार के इस रुख के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए वीजा प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. हॉकी इंडिया ने इस फैसले का स्वागत किया है. हॉकी इंडिया ने कहा है कि वे सरकार के निर्देशों का पालन करेंगे.

केंद्र का क्रिकेट को लेकर अलग रुख क्यों?

केंद्र सरकार ने क्रिकेट के उलट 3 जुलाई को बिहार में होने वाले पुरुष एशिया कप और इस वर्ष के अंत में मदुरई और चेन्नई में होने वाले एफआईएच जूनियर विश्व कप के लिए पाकिस्तान की हॉकी टीमों के भारत में आने को मंजूरी दी है. इससे पहले पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद रिश्ते में नई तल्खी के मद्देनजर पाकिस्तानी टीम के भारत दौरे लेकर कई तरह की अटकलें चल रही थीं. केंद्र सरकार के इस फैसले ने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है. अब चर्चा यह है कि भारत सरकार ने क्रिकेट के उलट इस तरह का फैसला क्यों लिया?

सरकार ने क्यों लिया यह फैसला

माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से यह फैसला अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रतिबंधों की वजह से लिया गया है. खेल के जानकारों का कहना है कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय खेल नियमों और ओलंपिक चार्टर के अनुरूप है. खेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में किसी भी देश को प्रतिबंधित करने के खिलाफ है, क्योंकि ऐसा करना ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन होगा. ऐसा होने पर भारत को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

इस बात को ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बहुराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी की अनुमति दी जाएगी, लेकिन द्विपक्षीय खेल आयोजनों पर अभी भी प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा.

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