Begin typing your search...

मंत्री जी को 'सेक्स वर्कर्स' पर ज्ञान झाड़ना पड़ा महंगा, भाषण बना बवाल! DMK में मचा सियासी घमासान; समझें पूरा मामला

तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोनमुडी अपने सेक्स वर्कर्स और हिंदू धर्म को लेकर दिए गए आपत्तिजनक और जातिगत टिप्पणी के चलते जबरदस्त विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए उनके बयान ने न सिर्फ विपक्ष को आक्रामक कर दिया है, बल्कि DMK पार्टी के अंदर से भी उनकी कड़ी आलोचना हो रही है.

मंत्री जी को सेक्स वर्कर्स पर ज्ञान झाड़ना पड़ा महंगा, भाषण बना बवाल! DMK में मचा सियासी घमासान; समझें पूरा मामला
X
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 11 April 2025 6:46 PM IST

तमिलनाडु सरकार के वन मंत्री के. पोनमुडी इन दिनों जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं, लेकिन वजह कोई विकास कार्य या बड़ी उपलब्धि नहीं, बल्कि सेक्स वर्कर्स और धर्म को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान हैं. मंच से दिए गए उनके 'ज्ञान' ने DMK सरकार की सियासी चूलें हिला दी हैं, और खुद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है.

भाजपा ने उठाए सवाल

दरअसल, एक सभा के दौरान पोनमुडी ने महिलाओं और शैव-वैष्णव परंपराओं पर ऐसा भद्दा मज़ाक किया कि उसका वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया. बयान इतना विवादित और अशोभनीय था कि विपक्षी पार्टियों से लेकर खुद उनकी पार्टी के नेता तक भड़क उठे. DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि से लेकर बीजेपी नेता खुशबू सुंदर तक ने पोनमुडी की जमकर लताड़ लगाई और उनके बर्खास्तगी की मांग तक कर डाली.

वन मंत्री के. पोनमुडी ने क्या दिया था बयान?

एक कार्यक्रम के दौरान चुटकुला सुनाते हुए उन्होंने अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया और शैव-वैष्णव परंपराओं के तिलक चिन्हों को लेकर बेहद गंदे और असंवेदनशील संदर्भों में बात की. पोनमुडी ने कहा. महिलाएं गलत मत समझें, एक आदमी एक सेक्स वर्कर के पास जाता है. इसके बाद उन्होंने उस बातचीत के बहाने शैव और वैष्णव संप्रदाय के प्रतीकों का शर्मनाक मजाक बनाया. उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद चारों ओर से आलोचनाएं शुरू हो गईं. हिंदू धार्मिक प्रतीकों का मजाक उड़ाने और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर पोनमुडी के खिलाफ लोगों में गुस्सा है.

कनिमोझी ने दो टूक कहा - 'यह भाषण किसी भी लिहाज से स्वीकार्य नहीं है. चाहे कोई भी संदर्भ हो, इस तरह की घटिया सोच वाली बातें निंदनीय हैं. अब पोनमुडी को DMK के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी पद से हटा दिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या मंत्री पद भी जाएगा या फिर पार्टी बस दिखावे तक ही सीमित रहेगी?

बयानबाज़ी की इस आंच में CM स्टालिन खुद भी झुलसते दिख रहे हैं, क्योंकि अब सवाल उनके नेतृत्व और पार्टी की कथित 'नारी सम्मान' नीति पर भी उठने लगे हैं. एक मज़ाक ने मंत्री को मज़ाक बना दिया, और सरकार को शर्मसार – अब देखना ये है कि स्टालिन चुप रहते हैं या एक्शन लेते हैं.

अगला लेख