चीन के साथ सीमा विवाद पर बोले जयशंकर: कोविड के दौरान बढ़ाई गई सैनिकों की तैनाती
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने दिए एक अहम बयान में माना कि चीन ने कोविड के दौरान सीमा सुरक्षा का उल्लंघन किया था. चीन ने उस दौरान सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी जिससे सीमा पर तनाव की स्थिति बढ़ गई थी. विदेश मंत्री ने चीन और अन्य देशों के साथ संबंधों पर भारत का रूख साफ किया और ये भी कहा कि आने वाले समय में हमें किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक अहम बयान में कहा कि चीन ने पूर्व में हुए सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है और कोविड-19 महामारी के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की संख्या में वृद्धि की है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद वार्ता में 75 प्रगति का उल्लेख किया था, तो इसका संदर्भ केवल पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी से था.
एस जयशंकर ने ANI को दिए बयान में कहा, "जब मैंने कहा कि सीमा विवाद में 75 प्रतिशत प्रगति हुई है, तो इसका तात्पर्य सिर्फ सैनिकों की वापसी से था. यह समस्या का एक हिस्सा है, और इसे सुलझाने में महत्वपूर्ण सुधार किया गया है." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सीमा क्षेत्रों में गश्त से संबंधित मुद्दों पर अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है.
कोविड-19 के दौरान चीनी सैनिकों की तैनाती बढ़ी
एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में एक चर्चा के दौरान जयशंकर ने बताया कि चीन ने कोविड-19 महामारी के दौरान सीमा पर समझौतों का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में सैनिकों को LAC पर तैनात किया, जिससे पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ गया और झड़पें हुईं. इन झड़पों के कारण दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए, जिससे भारत-चीन संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ा.
जयशंकर ने कहा, "चीन के साथ हमारे स्पष्ट समझौतों के बावजूद, हमने देखा कि उन्होंने कोविड के बीच में इन समझौतों का उल्लंघन किया और सीमा पर बड़ी संख्या में सेनाएं भेजीं. इससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई थी जिससे आखिरकार झड़पें हुईं."
तनाव कम करने की आवश्यकता
विदेश मंत्री ने जोर दिया कि अब द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए तनाव कम करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कई टकराव बिंदुओं पर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन सीमा क्षेत्रों में गश्त के अधिकारों को लेकर कुछ मुद्दे अभी भी बचे हुए हैं, जिन्हें सुलझाना जरूरी है.
उन्होंने कहा, "हमने टकराव बिंदुओं में कई समस्याओं को सुलझाने में सफलता पाई है, लेकिन अब अगला कदम तनाव कम करना होगा."
भारत-चीन संबंधों का व्यापक दृष्टिकोण
चीन के साथ भारत के संबंधों पर अपने विचार साझा करते हुए, जयशंकर ने इसे "एशिया के भविष्य की कुंजी" बताया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में "अस्थिरता और असंभावित" का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.
सीमा विवाद समाधान की दिशा में बातचीत
भारत और चीन ने 29 अगस्त को बीजिंग में सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 31वीं बैठक आयोजित की. इस बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी मतभेदों को कम करने और लंबित पड़े मुद्दों का तुरंत समाधान निकालने पर सहमति जताई. भारत ने बैठक में जोर दिया कि सीमा पर स्थिति का सम्मान करना और सामान्य स्थिति की बहाली द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है.