शादीशुदा होकर दूसरे मर्द के साथ लिव-इन में रहना चाहती थी महिला, कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- क्या जमाना आ गया है
लिव इन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट है कि दो अनमैरिड लोग एक-साथ रहते हैं, लेकिन क्या हो जब एक शादीशुदा महिला बिना तलाक के दूसरे व्यक्ति के साथ इस रिश्ते में रहना चाहे? यह मामला कोर्ट तक पहुंचा, जहां जज ने महिला को फटकार लगाई

भारत की अदालतों में रोज़ कई अनोखे मामले सामने आते हैं, लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला चर्चा में आया जिसने सामाजिक सोच और कानूनी समझ दोनों को हिला कर रख दिया. एनसीएमइंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया.
जिसमें एक महिला अदालत से कहती सुनी जा सकती है कि वह अपने पति की हिंसा से तंग आ चुकी है और अब बिना तलाक लिए किसी और पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है. इसके कारण उसे पुलिस प्रोटेक्शन चाहिए. इस पर कोर्ट ने महिला को फटकार लगाई है.
कोर्ट ने दिखाया आईना
यह बात सुन जज ने महिला से कहा कि आप भारत में रह रहे हैं. कोई कल्चर है या नहीं. आपने अपने पति को तलाक नहीं दिया है और आप दूसरे पति के साथ लिव इन में रहना चाहती हैं. इतना ही नहीं, पुलिस प्रोटेक्शन भी चाहिए. इस पर महिला ने कहा कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि पुलिस में घरेलू हिंसा की शिकायत करें. इसके ये इलाज थोड़ी है कि आप दूसरे शख्स के साथ रहने लग जाओ. क्या जमाना आ गया है.
बताई लिव-इन रिलेशनशिप की परिभाषा
जज ने कहा कि तलाक लिए बिना ये रिश्ता वैध नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने साफ किया कि लिव-इन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट शादीशुदा नहीं अविवाहित लोगों के लिए है. एक मैरिड शख्स अन मैरिड के साथ नहीं रह सकता है.
अगर यही बात पुरुष करता तो?
NCMIndiaa ने कैप्शन में सवाल उठाया कि ' अगर पति लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो यह पत्नी के प्रति क्रूरता और घरेलू हिंसा है, लेकिन यदि पत्नी लिव-इन रिलेशनशिप में रहती है तो वह अबला नारी है, जिसे अडल्ट्री रिश्ते में रहने के लिए अपने पति से सुरक्षा की जरूरत है. यह मामला केवल कानून की व्याख्या नहीं करता, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी की हिंसा से परेशान होकर किसी और महिला के साथ लिव-इन में रहना चाहे, तो क्या उसे भी समाज से यही समर्थन मिलेगा? या फिर उसे धोखेबाज़, बेवफा और अपराधी करार दे दिया जाएगा?