डॉक्टरों की मांगे मानने को तैयार हुईं CM ममता, पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने का किया ऐलान
काफी समय के बाद बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांग को स्वीकार कर लिया है. इसी कड़ी में सीएम ने दो स्वास्थ्य अधिकारी समेत पुलिस कमिश्नर को उनके पद से हटाने का भी ऐलान. सोमवार को हुई मीटिंग में किया. साथ ही इस मीटींग में हुई बातचीत को सकारात्मक बताया है. डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की.

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को RG कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की मांग को मानते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर वीनीत गोयल को उनके पद से हटा दिया है. सीएम ममता ने यह फैसला सोमवार को चली 6 घंटे डॉक्टरों के साथ चली बैठक में लिया है.
दरअसल इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर के ऊपर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था. जिसके विरोध में डॉक्टरों ने उन्हें उनके पद से हटाने की मांग की थी. इसी मांग को कल हुई बैठक में स्वीकार कर लिया गया है.
विरोध प्रदर्शन रहेगा जारी
क्योंकी डॉक्टरों की मांग को मान लिया गया. जिसके बाद डॉक्टरों को विरोध खत्म कर अपने काम पर वापसी लौटना चाहिए था. लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है. भले ही ममता सरकार ने डॉक्टरों की इस मांग को पुरा किया हो जिसका उन्होंने (डॉक्टरों) ने स्वागत भी किया है. लेकिन उनका कहना है कि वह तब तक इस विरोध को जारी रखने वाले हैं. जब तक वह उनसे किए हुए वादों को पूरा नहीं करती हैं. इस कड़ी में उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को भी हटाने की मांग की है.
इस्तीफे के लिए तैयार हुए वीनीत गोयल
कल हुई बैठक के बाद CM ममता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जूनियर डॉक्टरों की मांग को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने बैठक में कहा कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. शाम 4 बजे अपने पद से इस्तीफा देने के बाद नए कमिश्नर को वह जिम्मेदारी सौंप देंगे. वहीं इसके साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नाइक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक देबाशीष हलदर को भी उनके पद से हटा दिया गया है.
वहीं मुख्यमंत्री ने बैठक को 'सकारात्मक' बताया और कहा कि सरकार ने डॉक्टरों द्वारा रखी गई चार मांगें मान लीं. उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से अपना काम बंद वापस लेने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा, "मैंने आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम बंद वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि उनकी पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी." बनर्जी ने आगे उल्लेख किया कि स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे से संबंधित सभी मामलों के समाधान के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है.