महायुति के 5 बागी, जिन्होंने बढ़ाई फडणवीस, शिंदे और अजित पवार की टेंशन; लिस्ट में भुजबल भी शामिल
Rebels Of Mahayuti: महाराष्ट्र में फडणवीस कैबिनेट के विस्तार होते ही महायुति में कई नेताओं ने बगावत के तेवर अपना लिए हैं. इनमें तीन दलों बीजेपी , शिवसेना और एनसीपी के नेता शामिल हैं. ये सभी नेता मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं. उन्होंने आलाकमान के ऊपर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. इन नेताओं में छगन भुजबल भी शामिल हैं,

Rebels Of Mahayuti: महाराष्ट्र में फडणवीस कैबिनेट का विस्तार होने के बाद से कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं. ये नेता महायुति में शामिल तीनों दलों बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के हैं. इसमें छगन भुजबल, नरेंद्र भोंडेकर और सुधीर मुनगंटीवार जैसे नेता भी शामिल हैं. ये नेता कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज हैं.
फडणवीस कैबिनेट में शिंदे सरकार में मंत्री रहे 11 विधायकों को जगह नहीं मिली है. उनकी जगह 25 नए चेहरों को शामिल किया गया है. वहीं, कई दावेदारों को ढाई साल की वेटिंग लिस्ट में भेज दिया गया है. अजित पवार की एनसीपी ने पांच पूर्व मंत्रियों को इस बार मौका नहीं दिया है. वहीं, बीजेपी ने भी कई नेताओं को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है.
एनसीपी ने जिन नेताओं को कैबिनेट में शामिल नहीं किया, उनमें छगन भुजबल, संजय बनसोडे, धर्मराव बाबा आत्राम और दिलीप वाल्से पाटिल शामिल हैं. वहीं, बीजेपी ने सुधीर मुनगंटीवार, रवींद्र चव्हाण और विजय कुमार गावित की इस बार छुट्टी कर दी. शिवसेना ने अब्दुल सत्तार , तानाजी सावंत और दीपक केसरकर को मंत्री बनने का मौका नहीं दिया. इससे ये सभी नेता नाराज हैं. आइए, उन नेताओं के बारे में जानते हैं, जिन्होंने बगावती तेवर अपना लिया है...
1- छगन भुजबल
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि मैंने नासिक से लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात मान ली थी. जब मैं राज्यसभा जाना चाहता तो मुझसे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया. क्या मैं हाथ का खिलौना हूं कि जब भी मुझसे कहेंगे मैं खड़ा हो जाऊंगा... जब बैठने के लिए कहेंगे तो बैठ जाऊंगा.
छगन भुजबल ने आरोप लगाया कि उन्होंने नौकरियों और शिक्षा में मराठा आरक्षण की मांग करने वाले मनोज जरांगे का विरोध किया था. इसलिए उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अब मैं अपनी विधानसभा के लोगों से बात करके आगे का फैसला करूंगा.भुजबल समर्थकों के साथ नासिक लौट गए हैं. उनके शरद पवार गुट में जाने की चर्चा है.
2- नरेंद्र भोंडेकर
शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने से नाराज होकर उपनेता और विदर्भ क्षेत्र के समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि मुझे मंत्री पद का वादा किया गया था, लेकिन कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. भोंडेकर ने आरोप लगाया कि उन्होंने एकनाथ शिंदे, उदय सामंत और श्रीकांत शिंदे को कई बार मैसेज किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया.
3- विजय शिवतारे
विजय शिवतारे पुरंदर से विधायक हैं. उन्होंने कहा कि वे ढाई साल बाद भी मंत्री पद ग्रहण नहीं करेंगे. शिवतारे ने कहा कि उन्हें मंत्री पद मिलने का मलाल नहीं है. वे अपने साथ हुए दुर्व्यवहार से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता किसी का गुलाम नहीं है. महाराष्ट्र भी बिहार की राह पर धकेला जा रहा है.
4- सुधीर मुनगंटीवार
सुधीर मुनगंटीवार बीजेपी के नेता हैं. मंत्री पद न मिलने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन फडणवीस के उस दावे का खंडन जरूर किया है, जिसमें कहा गया था कि कैबिनेट में शामिल नहीं किए गए मंत्रियों से लंबी बातचीत की गई थी और उसके बाद उन्हें भरोसे में लिया गया था.
5- प्रकाश सुर्वे
प्रकाश शिर्वे भी शिंदे से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष के बाद ही मैंने कुछ हासिल किया है. आगे भी संघर्ष जारी रहेगा. शिर्वे ने कहा कि कैबिनेट में शामिल कई लोग बड़े नेताओं के बच्चे हैं, लेकिन मैं नहीं हूं.
15 सितंबर को हुआ था कैबिनेट विस्तार
बता दें कि 15 सितंबर को फडणवीस कैबिनेट का विस्तार हुआ था. नागपुर में 33 कैबिनेट और 6 राज्य मंत्री समेत कुल 39 मंत्रियों ने शपथ ली थी. सीएम और 2 डिप्टी सीएम मिलाकर मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 42 हो गई. एक सीट अभी भी खाली है. कैबिनेट में बीजेपी के 19, शिवेसना के 11 और एनसीपी के 9 विधायकों को शामिल किया गया है.