महाराष्ट्र में अचानक क्यों गंजे होने लगे थे लोग? 'पद्म श्री' से सम्मानित डॉक्टर ने कर दिया खुलासा
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में कुछ दिन पहले अचानक से लोगों के बाल झड़ने लगे थे और कुछ ही दिन में वे गंजे हो गए थे. इस घटना से लोगों में भय का माहौल बन गया था. हालांकि, अब इस बात का खुलासा हो गया है कि लोगों के बाल अचानक क्यों झड़ने लगे थे. इसके पीछे का पता लगाने के लिए पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर हिम्मतराव बावस्कर ने एक महीने तक स्टडी की. उनकी स्टडी में गेहूं का कनेक्शन निकलकर सामने आया. पढ़ें, पूरी खबर...

Maharashtra Budhana Village News: महाराष्ट्र के बुलढाणा के एक गांव में 50 से ज्यादा लोग गंजेपन का शिकार हो गए थे. इसे लेकर आसपास के गांवों में भी भय का माहौल बन गया था. सूचना पर गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल एकत्र किए थे. अब इस बात का खुलासा हो गया है कि लोगों के बाल अचानक क्यों झड़ने लग गए थे.
पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर हिम्मतराव बावस्कर ने एक महीने की स्टडी में खुलासा किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत लोगों को बांटे गए गेंहू की वजह से लोग गंजेपन का शिकार हुए. इस गेंहू में जहरीला सेलेनियम पाया गया है. इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि गेंहू में जिंक की भी गंभीर कमी थी.
गेहूं में सेलेनियम की मात्रा 600 गुना ज्यादा
बावस्कर ने बताया कि जो गेहूं लोगों के द्वारा उगाया गया है, उसमें सेलेनियम की मात्रा 600 गुना ज्यादा है. यही वजह है कि तीन से चार दिन के अंदर ही लोगों के सारे बाल झड़ गए और वे गंजे हो गए. उन्होंने बताया कि इस गेहूं की खेप पंजाब से आई थी.
ठाणे की वर्नी एनालिटिकल लैब में जांच के दौरान पाया गया कि गेहूं के सैंपल्स में सेलेनियम का स्तर 14.52 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम पाया गया, जो सामान्य 1.9 मिलीग्राम प्रति किग्रा सीमा से काफी ज्यादा है.
ब्लड, यूरिन और बाल के सैंपल्स में सेलेनियम की मात्रा में इजाफा
डॉ बावस्कर ने बताया कि ब्लड, यूरिन और बाल के सैंपल्स में सेलेनियम की मात्रा में क्रमशः 35 गुना, 60 गुना और 150 गुना इजाफा देखा गया. इससे पता चलता है कि गंजेपन की मुख्य वजह ज्यादा मात्रा में सेलेनियम का सेवन करना है. उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने यह भी पाया कि प्रभावित व्यक्तियों में जिंक का स्तर काफी कम था. यह भी गंजेपन की मुख्य वजह बनी.
गंजेपन की वजह से टूट गईं शादियां
बता दें कि 18 गांवों के करीब 300 लोग गंजेपन का शिकार हुए हैं. इनमें से ज्यादातर अधिकांश युवा छात्र और लड़कियां हैं. डॉ. बावस्कर ने कहा कि 8 साल से लेकर 72 साल तक के लोग गंजे हो रहे हैं, जिससे उन्हें कलंक का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि बच्चों ने स्कूल-कॉलेज जाना बंद कर दिया है. बच्चों की जो शादियां तय थीं, वे टूट गई हैं.
ICMR की रिसर्च में क्या आया?
डॉ. बावस्कर ने अभी तक प्रशासन को अपनी स्टडी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने भी प्रभावित क्षेत्रों से पानी और मिट्टी के सैंपल्स पर परीक्षण किया. इसमें भी अचानक बाल झड़ने की समस्या की वजह रक्त में सेलेनियम का स्तर बढ़ना पाया गया. आईसीएमआर ने अपनी जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है. हालांकि, इसके निष्कर्ष अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.