मंदिर के गार्ड की हिरासत में मौत पर तमतमाया हाईकोर्ट, कहा - Power के नशे में चूर है पुलिस
तमिलनाडु में मंदिर के गार्ड अजीत कुमार की हिरासत में मौत पर मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस पर कड़ी नाराज़गी जताई. कोर्ट ने कहा कि "राज्य ने अपने ही नागरिक को मार डाला" और 44 चोटों को देख कर यह एक "ब्रूटल एक्ट" है. न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने इसे Power के नशे में चूर पुलिस की दरिंदगी बताया.

तमिलनाडु में 27 वर्षीय मंदिर गार्ड अजीत कुमार की कथित पुलिस हिरासत में मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है. मद्रास हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस की कार्रवाई को ‘दरिंदगी की हद’ करार देते हुए बेहद सख्त टिप्पणियां कीं. अजीत को 27 जून को मंदिर से गहने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हिरासत के दौरान उनके साथ जो कुछ हुआ, उसने न्याय व्यवस्था को भी झकझोर कर रख दिया. न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने सुनवाई के दौरान कहा, 'राज्य ने खुद अपने नागरिक को मार डाला है.'
44 जगहों पर चोट, मिर्च पाउडर तक डाला गया!
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से अदालत ने कहा कि अजीत कुमार के शरीर पर 44 स्थानों पर गंभीर चोटों के निशान मिले हैं. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह चौंकाने वाला है कि शरीर के हर हिस्से पर हमले के निशान हैं. पीठ, मुंह और कानों में मिर्च पाउडर डाला गया. यह एक सुनियोजित और सामूहिक कृत्य है जिसे पुलिसकर्मियों ने मिलकर अंजाम दिया है.
साक्षर राज्य में ऐसा कैसे हो सकता है?
न्यायाधीश ने तमिलनाडु सरकार के सामाजिक प्रगति के दावों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 'कुछ उत्तर भारतीय राज्यों में जहां साक्षरता दर कम है, वहां भी ऐसी घटनाएं नहीं होतीं और तमिलनाडु जैसा राज्य, जो खुद को प्रगतिशील और शिक्षित कहता है, वहां ऐसी बर्बरता कैसे बर्दाश्त की जा सकती है न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने राज्य सरकार को चेताया कि जनता की याददाश्त कमजोर नहीं है.
उन्होंने कहा कि लोग सब देख रहे हैं. जयाराज और बेनिक्स की हिरासत में हुई मौतें अभी भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं. पुलिस स्टेशनों में ऐसी घटनाएं बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। यह राज्य की छवि और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. अब सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार इस पूरे मामले में दोषियों पर सख्त कदम उठाएगी? क्या सिर्फ निलंबन या तबादलों से काम चलाया जाएगा या फिर वाकई न्याय सुनिश्चित किया जाएगा?