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दाऊद की जगह चाह रहा लॉरेंस विश्नोई, जेल से कैसे चलाता है गैंग, जानें कैसे करता है गुर्गों की भर्ती?

हर बार इन कांडों के बाद जब उसकी जिम्मेदारी लॉरेंस विश्नोई गैंग लेता है तो हैरानी होती है कि आखिर जेल में बैठकर वो ये सब कैसे कर लेता है। अब सवाल ये उठता है कि वह जेल से कैसे इतना फैला हुआ गैंग कैसे चलाता है। वह गैंग से कैसे बात करता है। ये भी हैरानी की बात है कि आखिर वह जेल से ही सुपारी कैसे लेता है?

दाऊद की जगह चाह रहा लॉरेंस विश्नोई, जेल से कैसे चलाता है गैंग, जानें कैसे करता है गुर्गों की भर्ती?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 14 Oct 2024 5:33 PM IST

दाऊद बनने की राह पर लॉरेंस विश्नोई, जेल से कैसे चलाता है गैंग, जानें कैसे होती है भर्ती?मुंबई के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस विश्नोई का नाम काफी चर्चा में है। पिछले कुछ सालों में लॉरेंस विश्नोई का नाम काफी चर्चा में आया है। उसने अपने गुर्गों की मदद से बाबा सिद्दीकी की हत्या करवाई। साथ ही एक्टर सलमान खान को भी धमकी दी। आखिर ये सब करके दुनिया को दिखाना क्या चाहता है?

लॉरेंस विश्नोई का नाम उस वक़्त चर्चा में आया जब 29 मई 2022 को सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने लिया था। इसके बाद उसने सलमान खान को धमकी दी और घर के बाहर फायरिंग करवाई थी।

हर बार इन कांडों के बाद जब उसकी जिम्मेदारी लॉरेंस विश्नोई गैंग लेता है तो हैरानी होती है कि आखिर जेल में बैठकर वो ये सब कैसे कर लेता है। अब सवाल ये उठता है कि वह जेल से कैसे इतना फैला हुआ गैंग कैसे चलाता है। वह गैंग से कैसे बात करता है। ये भी हैरानी की बात है कि आखिर वह जेल से ही सुपारी कैसे लेता है?

कहां कहां फैला है लॉरेंस बिश्नोई का गैंग?

एनआईए के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में लगभग 700 शूटर काम करते हैं। ये गैंग समय के साथ बड़ा होता जा रहा है। ये अभी तक देश के 11 राज्यों में फैला हुआ है। इन राज्यों में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड शामिल है। ये भारत ही नहीं बल्कि कनाडा, दुबई और मैक्सिको सहित कई देशों में फैला हुआ है, जहां उसके लोग ड्रग की तस्करी और जबरन वसूली करते हैं।

माना जा रहा है कि वह डी कंपनी यानि दाऊद इब्राहिम को हटाकर उसकी जगह खुद को स्थापित करना चाह रहा है। एनआईए ने भी अपनी चार्जशीट में इसकी तुलना डी-कंपनी से की है। एनआईए ने ये भी बताया है कि जिस तरीके से लॉरेंस बिश्नोई गैंग काम कर रही है ठीक उसी तरह दाऊद इब्राहिम ने भी इसी तरह अपना नेटवर्क स्थापित किया था।

कौन चला रहा गैंग?

सबसे अहम सवाल ये है कि जब इतने सालों से लॉरेंस विश्नोई जेल में बंद है तो उसका गैंग कौन चला रहा है। माना जाता है कि इस गैंग को सतविंदर सिंह उर्फ ​​गोल्डी बरार चला रहा है। वह विदेश में बैठा है और वहीं से आपराधिक गतिविधियों को मैनेज करता है। ​​गोल्डी को ही पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टरमाइंड माना जाता है। गोल्डी बरार को कनाडा पुलिस और भारतीय एजेंसियां तलाश कर रही है। बिश्नोई की कोर्ट ले जाते और वापस लाते समय की फोटो शेयर कर युवाओं के बीच इस गैंग का प्रचार किया जाता है।

किस तरह युवा होते हैं शामिल?

लॉरेंस विश्नोई गैंग में सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को शामिल किया जाता है। सोशल मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई का महिमामंडन किया जाता है। जिससे युवा गैंग में शामिल होने की इच्छा रखें। युवाओं को विदेश जाने का सपना दिखाया जाता है। साथ ही ये गिरोह युवाओं को कनाडा या कोई और देश भेजने का प्रलोभन देकर भर्ती करते हैं। ये गैंग सिर्फ 25 साल से कम उम्र के लड़कों को भर्ती करता है। वहीं, डी कंपनी 35 साल से ऊपर के लोगों को भर्ती करता था।

जेल से कैसे होती है बातचीत?

लॉरेंस विश्नोई बहुत ही चालाकी से सभी कामों को अंजाम देता है। वह गिरोह चलाने के लिए वॉयस-ओवर आईपी यानि VoIP तकनीक का इस्तेमाल करता है। इससे इंटरनेट पर कॉल की जा सकती है और कॉल रिसीव किया जा सकता है। इसमें सिमकार्ड की जरुरत नहीं पड़ती है। इस कॉल को न तो पकड़ा जाता है और ना ही ये रिकॉर्ड होता है। इसके माध्यम से ही उसकी गोल्डी बराड़ और दूसरे गैंगस्टर से बातचीत होती है। इससे ही वह आदेश देता रहता है।

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