Kolkata rape-murder Case: 'मैं शव देखकर भाग गया था', मुख्य आरोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में कही ये बात
Kolkata rape-murder Case: संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में किया. उसे गिरफ्तार किए जाने के बाद इसी जेल में लाया गया था.

Kolkata rape-murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या मामले की जांच चल रही है. मुख्य आरोपी संजय रॉय के साथ सीबीआई मामले की जांच में लगी है. संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में किया गया. खबर ये भी आ रही है कि मामले को लेकर संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान कहा है कि जैसे ही उसने अस्पताल के सेमिनार रूम में शव देखा, वह भाग गया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को कोलकाता की प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में हुआ, जहां उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद लाया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने कहा कि जब वह घटनास्थल पर गया तो उसने देखा कि पीड़िता पहले ही मर चुकी थी. फिर वह डर कर वहां से भाग गया. बता दें कि पॉलीग्राफ या झूठ डिटेक्टर टेस्ट कोर्ट में सबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं है.
मैंने हत्या नहीं की -संजय रॉय
रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने संजय रॉय से पॉलीग्राफ परीक्षा के दौरान दस बार पूछताछ की. टेस्ट के दौरान सीबीआई के जांच अधिकारी और तीन पॉलीग्राफ विशेषज्ञ मौजूद थे. संजय रॉय ने टेस्ट के दौरान सीबीआई को बताया, 'मैंने हत्या नहीं की. मैं शव को देखने के बाद सेमिनार हॉल से भाग गया था.'
अस्पताल के लेक्चर हॉल में पीड़ित डॉक्टर का शव मिलने के बाद संजय रॉय को सीसीटीवी में बिल्डिंग में प्रवेश करते हुए देखा गया. आरोपी का ब्लूटूथ गैजेट भी डॉक्टर के शव के पास पाया गया था. सियालदाह में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) अदालत के समक्ष भी रॉय ने इसी तरह दावा किया था कि उन्होंने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी थी.
इंडिया टुडे के मुताबिक, मुख्य आरोपी संजय रॉय की वकील कविता सरकार ने कहा, 'सीबीआई अब तक निर्णायक सबूत पेश नहीं कर सकी है. उन्हें जांच करके अपराध साबित करने दीजिए.' इस घटना के बाद देश भर में प्रदर्शन और व्यापक आक्रोश भड़क उठा. इसके अलावा वर्किंग प्लेस पर सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए.