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'कुंवारी लड़कियों के साथ संबंध बनाने से बीमारी ठीक हो जाती है', कर्नाटक पुलिस ने अंधविश्वास पर चल रहे रैकेट का किया खुलासा

मैसूरु पुलिस ने एनजीओ ‘ओदानदी सेवा संस्था’ की मदद से एक खौफनाक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया, जहां अंधविश्वास के नाम पर नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण कराया जा रहा था. पुलिस ने मुख्य आरोपी शोभा और उसके साथी तुलसी कुमार को गिरफ्तार किया. आरोप है कि 12-13 साल की बच्चियों को 20 लाख रुपये में सौदेबाजी कर ग्राहकों तक पहुँचाया जा रहा था.

कुंवारी लड़कियों के साथ संबंध बनाने से बीमारी ठीक हो जाती है, कर्नाटक पुलिस ने अंधविश्वास पर चल रहे रैकेट का किया खुलासा
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 29 Sept 2025 5:17 PM

कर्नाटक के मैसूरु में पुलिस ने रविवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. शहर में सक्रिय एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण कर रहा था. हैरान करने वाली बात यह रही कि इस गिरोह के लोग 20 लाख रुपये नकद लेकर 'कुंवारी लड़कियों' को ग्राहकों के हवाले करने का सौदा कर रहे थे.

The Indian Express में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्रवाई पुलिस और एनजीओ ओदानदी सेवा संस्थे की संयुक्त टीम ने एक डिकॉय ऑपरेशन के तहत अंजाम दी. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बेंगलुरु की रहने वाली शॉभा और उसका साथी तुलसी कुमार शामिल हैं. जांच में सामने आया कि कुछ लोगों के बीच यह अंधविश्वास फैला हुआ है कि कुंवारी लड़कियों के साथ संबंध बनाने से मानसिक बीमारियां ठीक हो जाती हैं. इसी कुप्रथा ने इस गंदे कारोबार को बढ़ावा दिया.

ओदानदी ने पकड़ी जानकारी, सामने आया 12 साल की बच्ची का मामला

ओदानदी एनजीओ को खुफिया जानकारी मिली कि शॉभा ऐसे ग्राहकों की तलाश कर रही है जो इन अंधविश्वासों के चलते बड़ी रकम देने को तैयार हैं. एनजीओ के सदस्यों ने पता लगाया कि एक 12-13 साल की लड़की को संभावित ग्राहकों को व्हाट्सएप वीडियो के जरिए 'दिखाया' जा रहा था. तत्काल एनजीओ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अलर्ट किया.

एनजीओ स्टाफ बना 'ग्राहक', बिछाया पुलिस ने जाल

विश्वास जीतने के लिए एनजीओ के एक सदस्य ने खुद को इच्छुक ग्राहक बताया और शॉभा से मुलाकात तय की. शॉभा ने बच्ची को मैसूरु लाने की हामी भर दी और कहा कि वह शनिवार दोपहर 2 बजे पहुंचेगी. इस दौरान ओदानदी संस्थापक के. वी. स्टेनली और एम. एल. परशुराम ने विजय नगर पुलिस के साथ मिलकर योजना बनाई और सरकारी बालिका गृह के पास ट्रैप बिछाया.

20 लाख की मांग और झूठ पर झूठ

शॉभा लड़की के साथ पहुंची और उसके साथ एक पुरुष भी था, जो दूर खड़ा होकर सब पर नजर रख रहा था. बातचीत के दौरान शॉभा ने 20 लाख रुपये की मांग रखी. पुलिस के मुताबिक, वह बार-बार लड़की की पहचान को लेकर झूठ बोलती रही. कभी उसे अपनी बेटी बताया, कभी भांजी और कभी गोद ली हुई संतान. आखिरकार दबाव में आकर उसने स्वीकार किया कि यह बच्ची सेक्स रैकेट का हिस्सा है. साथ आया शख्स खुद को उसका पति तुलसी कुमार बताता रहा.

पुलिस हिरासत में आरोपी, बच्ची सुरक्षित

जैसे ही सच सामने आया, पुलिस ने तुरंत बच्ची को अपनी सुरक्षा में ले लिया.बच्ची, जो कक्षा 6 की छात्रा है, को बाल गृह में भेज दिया गया.वहीं, शॉभा और तुलसी कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.विजय नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है, ताकि पता लगाया जा सके कि शॉभा बच्ची तक कैसे पहुंची और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है.

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