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केक खाने वाले सावधान! हो सकता है कैंसर, कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने जारी की चेतावनी

क्या आप भी केक खाने के शौकीन हैं? केक को सुंदर बनाने के लिए आर्टिफिशियल कलर्स का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आपको सावधान हो जाना चाहिए. कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बताया कि केक में कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं.

केक खाने वाले सावधान! हो सकता है कैंसर, कर्नाटक फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने जारी की चेतावनी
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Credit- freepik
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 4 Oct 2024 5:45 PM IST

कर्नाटक के फूड सेफ्टी और क्वालिटी डिपार्टमेंट ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया कि बेकरी में बेचे जाने वाले केक में कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं. दो महीने पहले इस डिपार्टमेंट ने कबाब, मंचूरियन और पानी पूरी में कार्सिनोजेन नामक तत्व पाए जाने का खुलासा किया था.

साथ ही, डिपार्टमेंट ने अगस्त के महीने में 235 केक का सैंपल लिया गया था, जिसमें 223 केक सही तरीके से बनाए गए थे, लेकिन बचे हुए 12 केक में आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल ज्यादा किया गया था.

आर्टिफिशियल कलर्स का होता है यूज़

इसमें यह भी बताया कि केक में इस्तेमाल किए जाने वाले आर्टिफिशियल कलर, जैसे कि एलुरा रेड, सनसेट येलो एफसीएफ, पोंसो 4आर (स्ट्रॉबेरी रेड), टार्ट्राजीन (नींबू पीला) और कार्मोइसिन (मैरून) का इस्तेमाल जब सेफ लेवल से इस्तेमाल किए जाने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं, इसके कारण मेंटल ओर फिजिकल हेल्थ को भी नुकसान हो सकता है.

एक्सपर्ट ने कहा कि रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट केक बेहद पसंद किए जाते हैं. ये केक इन वाइब्रेंट कलर्स से बनाए जाते हैं. ये कलर्स हेल्थ के लिए हार्मफुल हो सकते हैं. इसके साथ ही डिपार्टमेंट ने कहा कि बेकर्स को सेफ्टी स्टैंडर्ड फॉलो करने चाहिए.

खाने की चीजों के प्रति नहीं है जागरुक

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट ने बताया कि मैं स्पेसिफिक केमिकल्स पर कुछ नहीं कह सकता हूं. इनमें से ज्यादातर में कम होता हैं, लेकिन अगर इसकी मात्रा ज्यादा होती है, तो परेशानी हो सकती है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमें पता भी नहीं होता कि हम जो खा रहे हैं, उसमें इसकी मात्रा ज्यादा है या नहीं. कुछ जगहों पर सही तरीके से टेस्ट नहीं होता है. इसलिए केक को ब्राइट, सुंदर और देखने में अट्रैक्टिव बनाने के लिए इसे अधिक मात्रा में डाल दिया जाता है."

"लोग सबसे रंगीन टमाटर और सबसे लाल सेब चाहते हैं, जो नेचर में मौजूद नहीं हो सकते हैं. उन्हें देखने में सुंदर बनाने के लिए, आर्टिफिशियल कलर्स और प्रिजर्वेटिव मिलाए जाते हैं. बहुत सारे पैकेज्ड फूड में टाइटेनियम डाइऑक्साइड होता है, जो चिंता का विषय है.

विदेशों में है इस पर बैन

एक्सपर्ट ने बताया कि भारत में इसकी अनुमति है, लेकिन यूरोप और कई मिडल ईस्ट देशों में इस पर बैन है. इसलिए हम जो भी खात हैं, उसके बारे में सभी चीजें पता होनी चाहिए. साथ ही, रेगुलेरटरी बॉडीज़ को सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है.

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