सिद्धारमैया के इलाके में ट्रांसफर का डर, महिला अफसर ने किया ऐसा काम कि महकमे में मच गया हड़कंप, अभी तक नहीं हुई FIR
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के क्षेत्र में एक महिला ग्राम पंचायत सचिव ने ट्रांसफर की संभावना के डर से लगभग 15 टैबलेट्स खाकर आत्महत्या की कोशिश की. बताया जा रहा है कि अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. यह मामला प्रशासनिक दबाव, नौकरी की अनिश्चितता और कर्मचारी कल्याण पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निर्वाचन क्षेत्र वरुणा में एक महिला ग्राम पंचायत सचिव दिव्या ने कथित ट्रांसफर की आशंका और डर से आत्महत्या की कोशिश की. इस घटना के बाद ऑफिस में तनाव गहरा गया जब एक दूसरे अधिकारी ने अपनी पोस्ट पाने के लिए ट्रांसफर कराने की कोशिश की. इसके बाद दिव्या ने लगभग 15 टैबलेट्स ले लीं और अस्पताल में भर्ती हुईं.
अब यह सवाल उठ रहा है कि इस मामले में भी तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई. क्या यह निजी मसला न होकर प्रशासनिक और राजनीतिक दबाव का प्रतीक है?
सीनियर अफसर की वजह से हुई ये घटना
वरुणा के अधिकारियों और पंचायत सदस्यों के अनुसार दिव्या पिछले दो साल से वरुणा पंचायत सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रही थी. कथित तौर पर तनाव तब शुरू हुआ, जब दूसरी ग्राम पंचायत के एक ग्रेड-1 सेक्रेटरी ने कथित तौर पर दिव्या की जगह पर ट्रांसफर पाने की कोशिश की. पंचायत सदस्यों का दावा है कि वह दिव्या को बदलने के लिए सीनियर अधिकारियों से लॉबिंग कर रहा था.
दिव्या को जांच शुरू करने की मिली थी धमकी
20 नवंबर को एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (EO) ने वरुणा पंचायत ऑफिस का सरप्राइज विजिट किया. ताकि कथित तौर पर छह महीने पुरानी एक शिकायत को फिर से खोला जा सके, जिसमें दिव्या पर अपना काम ठीक से न करने का आरोप लगाया गया था.
जांच पंचायत सदस्यों की मौजूदगी में की गई, उन्होंने एकमत से दिव्या का बचाव किया, कहा कि वह अच्छे से काम कर रही थी और एक बहुत पहले भूली हुई शिकायत को फिर से शुरू करने के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया. उसी दिन, दिव्या, कथित तौर पर ट्रांसफर की संभावना से परेशान होकर, अपने ऑफिस के अंदर करीब 15 गोलियां निगल गईं और गिर गईं.
ऑफिस के एक वीडियो में दिव्या अपनी ऑफिस की कुर्सी पर बेहोश पड़ी दिख रही हैं. जबकि दो महिला सहकर्मी उन्हें जगाने और उठाने की कोशिश कर रही हैं. दिव्या को उठाने के लिए और भी स्टाफ कोशिश करते हैं. दफ्तर के स्टाफ मिलकर दिव्या को मैसूर के कावेरी हॉस्पिटल ले जाते हैं. वरुणा पुलिस, पंचायत अधिकारियों के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है.
दिव्या ने अभी तक इस मामले में कोई ऑफिशियल शिकायत दर्ज नहीं कराई है. पुलिस आज एक बार फिर हॉस्पिटल में उनसे मिलकर यह पता लगा सकती है कि क्या वह शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं. वरुणा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का होम इलेक्शन होने के कारण इस घटना के बाद से सुर्खियों में है.





