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J&K Election Results 2024: लाल चौक पर किसने लहराया परचम? कभी पीएम मोदी ने सीना तानकर की थी तिरंगा यात्रा

Lal Chowk Results 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में लाल चौक पर सबकी निगाहें टिकी रही. इस सीट पर सभी दलों ने खूब पसीना बहाया. राज्य में जब भी कुछ बड़ा हुआ है, तो ये चौक इसका साक्षी रहा है. सिर्फ राजनीतिक रूप से ही नहीं, बल्कि सैलानियों के लिए भी ये घूमने सबसे बेस्ट स्पॉट माना जाता है.

J&K Election Results 2024: लाल चौक पर किसने लहराया परचम? कभी पीएम मोदी ने सीना तानकर की थी तिरंगा यात्रा
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J&K Election Results 2024
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 8 Oct 2024 4:50 PM IST

Lal Chowk, J&K Assembly Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों में से राज्य की राजधानी श्रीनगर में कुल आठ सीटें हैं, जिनमें लाल चौक सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. ये वही सीट है, जहां कभी पीएम नरेंद्र मोदी ने तिरंगा यात्रा की थी. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. जेकेएनसी के शेख अहसान अहमद ने लाल चौक सीट पर 16731 वोटों से जीत दर्ज कर ली है. बीजेपी के एजाज हुसैन पांचवें नंबर पर रहे. वहीं महबूबा मुफ्ती के पीडीपी के जुहैब युसुफ मीर तीसरे नंबर पर रहे.

इस सीट पर शुरू से ही जेकेएनसी आगे रही. वहीं दूसरे नंबर पर रहे जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अशरफ मीर को कुल 5388 वोट ही मिले और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जम्मू-कश्मीर में साल 2022 में कुछ नई सीटों को विधानसभा में शामिल किया गया. इसमें लाल चौक सीट भी शामिल है, जो राजधानी श्रीनगर में आता है.

32 साल पहले नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर फहराया था तिरंगा

1992 का वो दौर था, जब जम्मू-कश्मीर में आतंक अपने चरम पर था. अलगाववादी नेता लगातार आम नागरिकों को भड़काने की कोशिश में लगे थे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने साल 1992 में एकता यात्रा निकालते हुए लाल चौक पर तिरंगा फहराया था. इस यात्रा में नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. इस दौरान नरेंद्र मोदी BJP के नेशनल सेक्रेटरी थे.

मास्को से जुड़ा है लाल चौक का कनेक्शन

लाल चौक का कनेक्शन मास्को से है, क्योंकि इस जगह का नाम मास्को के रेड स्क्वॉयर के नाम पर रखा गया है. इस चौक की खास पहचान घंटाघर है. लाल चौक आतंक की कई बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है. 1990 से इसी लाल चौक पर कई नारे और भाषण दिए गए. अलगाववादी नेता आम लोगों को भड़काने के लिए लाल चौक पर ही बुलाया करते थे.

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