Jet Airways: एक था जेट एयरवेज! जीत, चुनौतियों और हार के 32 साल का सफर
Jet Airways: जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में बंद कर दिया गया था और दो साल बाद जालान-कलरॉक कंसोर्टियम ने स्वामित्व के लिए सफलतापूर्वक बोली लगाई, लेकिन तब से कानूनी और वित्तीय देरी हो रही है. 2018 से इसके जो बुरे दौर शुरू हुए, 2019 में इसे बंद करना पड़ गया.

No More Jet Airways: जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में बंद कर दिया गया था. उस समय एयरवेज पर कई बैंकों का 4783 करोड़ का कर्ज था. इसे लेकर जो भी उम्मीद थी, वो अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खत्म हो चुकी है. कोर्ट ने JKC के 350 करोड़ रुपये के वादे के अनुसार फंड देने में विफलता को नोट किया, जो जेट एयरवेज के लिक्विडेशन के लिए पर्याप्त आधार बनाता है.
जेट एयरवेज को दिए गए कर्ज के खिलाफ बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसमें जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि एयरलाइन से जुड़ा मुकदमा भारत के दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (IBC) के लिए कई सबक लेकर आंख खोलने वाला था.
नरेश गोयल ने छोड़ दी है जीने की इच्छा
देश की सर्वोच्च न्यायालय तो फैसला आज सुनाया है, लेकिन इस साल की शुरूआत में ही सिर्फ एयरलाइन की सांस नहीं, जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल ने भी जीने की इच्छा छोड़ दी थी. उन्होंने जज के सामने हाथ जोड़कर कहा था कि वह जीने की बजाय मरना पसंद करेंगे. उन्होंने जीवन की हर उम्मीद खो दी है.
जेट एयरवेज का इतिहास
जेट एयरवेज हमेशा विमानन इतिहास में एक विशेष स्थान रखेगा क्योंकि इसने भारत में प्रीमियम एयर ट्रैवल इंडस्ट्री को एक नई पहचान दी है. आइए हम आपको इसके गौरवशाली दिनों से लेकर दिवालियापन तक के सफर पर ले चलते हैं.
जेट एयरवेज की शानदार शुरुआत
1 अप्रैल 1992 का वो दिन था जब जेट एयरवेज की स्थापना की गई थी. इसे जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड के नाम से जाना जाता है. जेट एयरवेज भारतीय एयरलाइंस में कदम रखते ही एक अलग पहचान बन गई. 1993 में एयर टैक्सी ऑपरेटर के तौर पर इसका परिचालन शुरू किया गया. 1995 पूर्ण रूप से एयरलाइन परिचालन का विस्तार किया गया. 2003 आते-आते एयरलाइन के पास 41 विमानों का बेड़ा था जो प्रतिदिन 250 से अधिक उड़ानें संचालित करता था.
नई ऊंचाई पर जेट एयरवेज
जेट एयरवेज ने साल 2004 में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की. 28 दिसंबर 2004 में जेट एयरवेज को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड किया गया और यह एक सार्वजनिक कंपनी बन गई. 2007 में कंपनी ने एयर सहारा का अधिग्रहण किया. जेट एयरवेज ने 2013 में एतिहाद एयरवेज के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाया. इसे विदेशी एयरलाइनों को घरेलू एयरलाइनों में निवेश करने की अनुमति दी. इसके तहत एतिहाद एयरवेज ने 379 मिलियन डॉलर में 24% हिस्सेदारी खरीदी.
2019 आते-आते चरमराने लगी जेट एयरवेज
जेट एयरवेज ने 2016 भारत की सबसे बड़ी एयरलाइनों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया और दुनिया भर में 74 गंतव्यों के लिए प्रतिदिन 300 से अधिक उड़ानें संचालित कीं. नवंबर 2017 में कोडशेयर साझेदारों एयर फ्रांस और केएलएम रॉयल डच एयरलाइंस के साथ 'उन्नत सहयोग समझौते' पर हस्ताक्षर किए गए, लेकिन फिर इसकी स्थिति चरमराने लगी. मार्च 2018 1,036 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया. फिर जून 2018 1,323 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया. 19 सितंबर 2018 जेट के कार्यालयों पर आयकर अधिकारियों ने छापा मारा.
पतन की ओर जेट एयरवेज
2019 की शुरुआत अगस्त 2018 से पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ प्रबंधन को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका, जो कि कभी नहीं हो सका. धिरे-धिरे बुरे दिन आ गए और कई मौकों पर विफल रही एयरलाइन को 2019 में बंद करने का फैसला लिया गया, जिसके फिर से शुरू होने की उम्मीद भी अब खत्म हो चुकी है.