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कितना पहुंचा जम्मू-कश्मीर में मौत का आकडा? UP के लोग मरने वाले में सबसे अधिक, पढ़ें Top Updates

जम्मू-कश्मीर में मानसून का कहर लगातार जारी है. पिछले मंगलवार को हुई भूस्खलन और अचानक बाढ़ (flash flood) में वैष्णो देवी ट्रैक और आसपास के इलाकों में अब तक 41 के करीब तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. मृतकों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब के तीर्थयात्री शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, रेसि और डोडा में हुए इस आपदा में 28 और शव मलबे से निकाले गए, जबकि कम से कम 20 लोग घायल हुए.

कितना पहुंचा जम्मू-कश्मीर में मौत का आकडा? UP के लोग मरने वाले में सबसे अधिक, पढ़ें Top Updates
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 28 Aug 2025 8:22 AM IST

जम्मू-कश्मीर में मानसून का कहर लगातार जारी है. पिछले मंगलवार को हुई भूस्खलन और अचानक बाढ़ (flash flood) में वैष्णो देवी ट्रैक और आसपास के इलाकों में अब तक 41 के करीब तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. मृतकों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब के तीर्थयात्री शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, रेसि और डोडा में हुए इस आपदा में 28 और शव मलबे से निकाले गए, जबकि कम से कम 20 लोग घायल हुए.

इस हादसे के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने राहत और मदद के लिए कदम उठाए हैं. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिवारों को 9 लाख रुपये का आर्थिक सहायता देने की घोषणा की, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्य के 11 मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये देने की मंजूरी दी.

CM अब्दुल्लाह का सवाल: प्रशासन की लापरवाही

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक ऊमर अब्दुल्लाह ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि 'माता वैष्णो देवी ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की मौत की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ… उन्हें सुरक्षित जगह क्यों नहीं ले जाया गया? इसे बाद में चर्चा करनी होगी.ऊमर अब्दुल्लाह ने प्रभावित तीर्थयात्रियों से मिलने के बाद डॉक्टरों को सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करने का आग्रह किया और आपातकालीन कर्मचारियों, SMVDSB कर्मचारियों और नागरिकों की सराहना की जिन्होंने कई जानें बचाईं.

भारी बारिश और बाढ़ का रिकॉर्ड

मौसम विभाग के अनुसार जम्मू में पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 में मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना के बाद सबसे अधिक है. इससे पहले 25 सितंबर 1988 को 270 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई थी. अगस्त महीने में जम्मू का औसत वर्षा 403.1 मिमी है.

जेलम नदी ने खतरे का स्तर 22 फीट पार कर दिया, जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने फ्लड अलर्ट जारी किया. कई मुख्य सड़क मार्ग जैसे श्रीनगर-जम्मू हाईवे, किश्तवार-डोडा-सिन्थन-अनंतनाग मार्ग (NH-244) और मुगल रोड बंद कर दिए गए.

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