शोपियां में मिला अज्ञात शख्स का शव, पुलिस को आतंकी गतिविधि की आशंका, इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा
आज शोपियां से एक गैर-स्थानीय व्यक्ति की लाश मिली है. इस संबंध में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने लाश को देखा और उसे निकाला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हम इस पूरी वारदात की जड़ तक जाएंगे. घटना के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है.

Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर से आए दिन आंतकी हमले और घुसपैठ की खबरें सामने आती हैं. अब वहां पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है. शुक्रवार (18 अक्टूबर) को शोपियां जिले के वंदना मल्होरा इलाके से शव बरामद किया गया है.
जानकारी के अनुसार आज शोपियां से एक गैर-स्थानीय व्यक्ति की लाश मिली है. इस संबंध में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने लाश को देखा और उसे निकाला.
पोस्टमार्टम के लिए भेजी लाश
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लाश पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया. जहां पर मेडिको-लीगल की प्रक्रिया की जा रही है. कहा जा रहा है कि मृतक के शरीर पर गोली के निशान हैं.
बिहार का शख्स था मृतक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मृतक की पहचान बिहार के अशोक चौहान के रूप में हुई है. पुलिस ने मामले पर संज्ञान लिया और जांच शुरू कर दी है. अभी हत्या के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हम इस पूरी वारदात की जड़ तक जाएंगे. घटना के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है.
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. यह एक संवेदनशील इलाका माना जाता है. अधिकारियों ने लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं पुलिस ने घाटी में आतंकवाद और हिंसा को लेकर चिंता जताई है. पुलिस का यह भी कहना है कि ये आतंकवादी साजिश हो सकती है.
सेवा के जवान की हत्या
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं. अप्रैल में आतंकवादियों ने दो गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्या कर दी थी. पुलिस ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों द्वारा अपहरण किए जाने के बाद एक भारतीय सेना का जवान मृत पाया गया, जिसके शरीर पर गोली के निशान थे.
हाल ही में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था. इस दौरान अनंतनाग के वन क्षेत्र से प्रादेशिक सेना की 161वीं इकाई के दो जवानों का अपहरण कर लिया गया था. लेकिन उनमें से एक दो गोलियां लगने के बावजूद भागने में सफल रहा.