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मुंबई में BMC की कार्रवाई से बवाल, 30 साल पुराने जैन मंदिर को बुलडोजर से ढहाया; सड़क पर उतरे लोग

मुंबई के विले पार्ले (पूर्व) में स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा तोड़े जाने से जैन समाज में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है. यह मंदिर लगभग 30 वर्ष पुराना था और धार्मिक, सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता था. मंदिर को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीएमसी ने इसे 'अवैध निर्माण' घोषित करते हुए अचानक बुलडोज़र चला दिया, जिससे स्थानीय जैन समाज सहित देशभर में विरोध की लहर फैल गई है.

मुंबई में BMC की कार्रवाई से बवाल, 30 साल पुराने जैन मंदिर को बुलडोजर से ढहाया; सड़क पर उतरे लोग
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Jain Temple Demolition Vile Parle Mumbai : मुंबई के विले पार्ले (ईस्ट) क्षेत्र में स्थित 30 साल पुराना पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation) यानी BMC) द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद जैन समुदाय के लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया है. इस मंदिर को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. मंदिर को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीएमसी ने इसे 'अवैध निर्माण' घोषित करते हुए अचानक बुलडोज़र चला दिया, जिससे स्थानीय जैन समाज सहित देशभर में विरोध की लहर फैल गई है.

पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जैन समाज के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल था. मंदिर में प्रतिष्ठित पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित थी, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र थी. मंदिर के आसपास की संरचनाओं में भी जैन धर्म से संबंधित धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित होती थीं, जो समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा को बनाए रखने में सहायक थीं.

BMC की कार्रवाई से पैदा हुआ विवाद

BMC ने इस मंदिर को अवैध बताते हुए 16 अप्रैल को ध्वस्त कर दिया. इससे पहले, उसने मंदिर को नोटिस भेजा था, जिस पर जैन समाज ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई होनी बाकी थी. जैन समुदाय का आरोप है कि इस कार्रवाई से पहले अदालत से कोई आदेश नहीं लिया गया था, जिससे यह कार्रवाई विवादास्पद बन गई है. समाज के नेताओं का कहना है कि मंदिर को ध्वस्त करना न केवल धार्मिक आस्था का अपमान है, बल्कि यह समाज के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति अनादर भी है.

जैन समुदाय ने जताया विरोध

मंदिर की ध्वस्ति के बाद जैन समुदाय ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए. मुंबई में जैन समाज के सदस्यों ने सड़कों पर उतरकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और BMC की कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की. समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे और भी बड़े आंदोलन की योजना बना सकते हैं.

'रेस्टोरेंट के मालिक के कहने पर ढहाया मंदिर'

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि रामकृष्ण रेस्टोरेंट के मालिक के कहने पर जैन मंदिर को ध्वस्त किया गया है. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट का मालिक मंदिर परिषद में बार शुरू करना चाहता था, लेकिन उसे लाइसेंस नहीं मिल रहा था. यही वजह है कि उसने मंदिर को तुड़वाया.

BMC ने क्या कहा?

BMC के अधिकारियों का कहना है कि मंदिर अवैध था. इसलिए इसे ध्वस्त किया गया. हालांकि, जैन समुदाय का कहना है कि इस कार्रवाई से पहले अदालत से कोई आदेश नहीं लिया गया था, जिससे यह कार्रवाई विवादास्पद बन गई है. समाज के नेताओं का कहना है कि मंदिर की ध्वस्ति न केवल धार्मिक आस्था का अपमान है, बल्कि यह समाज के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति अनादर भी है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ ने जैन मंदिर को गिराने को एक षड्यंत्र बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर को गिराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. दो जेसीबी से मंदिर को ढहाया गया. महिलाओं पर भी हमला किया गया. गायकवाड़ ने कहा कि जैन समुदाय शांतिप्रिय है. वह कभी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करता, लेकिन आज उसे सड़क पर उतरना पड़ रहा है.

समाज में घटना को लेकर आक्रोश

इस घटना ने समाज में गहरी नाराजगी और आक्रोश पैदा किया है. धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनके प्रति सम्मान की आवश्यकता को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ी है. यह घटना यह भी दर्शाती है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा केवल धार्मिक समुदायों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों की संयुक्त जिम्मेदारी है.

अंततः, श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर की ध्वस्ति ने समाज में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनके प्रति सम्मान की आवश्यकता को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं. यह घटना यह भी दर्शाती है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा केवल धार्मिक समुदायों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों की संयुक्त जिम्मेदारी है.

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