SpaDeX की सफलता से लेकर PSLV-C61 की सीख तक... इसरो चीफ बोले- हर चुनौती है नया सबक, अब लक्ष्य 2027 की...
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने स्पाडेक्स मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बताया कि यह आधे ईंधन में पूरा हुआ. उन्होंने 2024 को 'गगनयान वर्ष' बताते हुए दिसंबर तक पहले मानवरहित मिशन की जानकारी दी. चंद्रयान-4 एक सैंपल रिटर्न मिशन होगा, जो 2.5 साल में लॉन्च होगा, जबकि चंद्रयान-5 जापान के साथ मिलकर 2028 में भेजा जाएगा. वर्तमान में देश की सुरक्षा हेतु 57 उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय हैं.

ISRO Chief V Narayanan: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि भारत का स्पेस टेक्नोलॉजी मिशन स्पाडेक्स (SpaDeX) पूरी तरह सफल रहा है. उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए 10 किलो ईंधन तय किया गया था, लेकिन हमने इसे केवल आधे ईंधन में ही पूरा कर लिया और अब शेष बचे ईंधन से कई अन्य प्रयोग किए जाएंगे.
इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि इस वर्ष भारत-नासा के संयुक्त मिशन 'सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट' को भारतीय रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. इसके साथ ही एक कमर्शियल और एक संचार उपग्रह भी प्रक्षेपित किया जाएगा.
मानव मिशन से पहले तीन मानवरहित मिशनों की योजना
वी नारायणन ने वर्ष 2024 को ‘गगनयान वर्ष’ करार देते हुए कहा कि मानव मिशन से पहले तीन मानवरहित मिशनों की योजना है, जिनमें पहला इस साल दिसंबर तक लॉन्च किया जाएगा. इस मिशन में मानव जैसे रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजा जाएगा. अब तक 7200 से अधिक परीक्षण सफलतापूर्वक हो चुके हैं और 3000 परीक्षण और बाकी हैं. पहला मानव मिशन 2027 की पहली तिमाही में भेजने का लक्ष्य है."
‘सैंपल रिटर्न मिशन’ होगा चंद्रयान-4
चंद्रयान-4 मिशन को लेकर वी. नारायणन ने कहा कि यह एक ‘सैंपल रिटर्न मिशन’ होगा, जिसकी मंजूरी प्रधानमंत्री और भारत सरकार ने दे दी है. इसकी डिजाइनिंग पर काम चल रहा है और 2.5 साल में इसे लॉन्च किया जाएगा. वहीं चंद्रयान-5 जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ संयुक्त मिशन होगा, जिसे 2028 के अंत तक लॉन्च करने की योजना है.
देश की सुरक्षा कर रहे 57 उपग्रह
इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि भारत की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए इसरो लगातार काम कर रहा है. देश के 11,500 किलोमीटर लंबे समुद्री तट और उत्तरी सीमाओं की निगरानी के लिए वर्तमान में अंतरिक्ष में 57 उपग्रह सक्रिय हैं.
"इसरो में हम किसी भी चीज़ को असफलता नहीं मानते"
वी. नारायणन ने PSLV-C61 लॉन्च मिशन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "इसरो में हम किसी भी चीज़ को असफलता नहीं मानते. हर अनुभव हमारे लिए सीखने, समझने और खुद को बेहतर बनाने का अवसर होता है." यह प्रतिक्रिया उस स्थिति में आई है, जब PSLV-C61 मिशन अपने तीसरे चरण में तकनीकी 'ऑब्जर्वेशन' के कारण पूरा नहीं हो सका. नारायणन ने यह भी संकेत दिया कि इसरो इस तकनीकी चुनौती से सीख लेकर आगे के मिशनों को और सुदृढ़ बनाएगा.