क्या ग्लेशियर की बात करना गुनाह है? सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शताब्दी वर्षगांठ पर देश के इतिहास का अहम अध्याय जोड़ दिया. इस अवसर पर उन्होंने एक विशेष स्मारक डाक टिकट और ₹100 का स्मारक सिक्का जारी किया, जिसमें पहली बार स्वतंत्र भारत की मुद्रा पर भारत माता की छवि अंकित की गई है.

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पत्नी गीता अंजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने पति की 'बिना शर्त रिहाई' की अपील की है. उन्होंने कहा कि वांगचुक के खिलाफ केंद्र की एजेंसियां 'पूरी ताकत से विच हंट' चला रही हैं ताकि उनके हौसले और उनके आंदोलनों की आत्मा को तोड़ा जा सके.
अंगमो ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में सवाल उठाया कि 'क्या जलवायु परिवर्तन, पिघलते ग्लेशियर, शैक्षिक सुधार और जमीनी नवाचार की बात करना अपराध है? क्या एक शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से पिछड़े और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील लद्दाख के लिए आवाज उठाना राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा माना जा सकता है?'
'मेरे पति की आत्मा को मारने की कोशिश'
गीता अंजलि अंगमो ने पत्र में लिखा कि 'पिछले एक महीने से और पिछले चार सालों से गुप्त रूप से मेरे पति के खिलाफ पूरी ताकत से विच हंट चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य केवल उनके हौसले और उन मुद्दों को खत्म करना है जिनके लिए वे खड़े हुए हैं.'
राष्ट्रपति से की भावनात्मक अपील
अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जनजातीय पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए कहा कि 'आप एक आदिवासी समुदाय/पृष्ठभूमि से आती हैं, इसलिए लद्दाख के लोगों की भावनाओं को सबसे अच्छे से समझ सकती हैं. उन्होंने आगे लिखा कि माननीया राष्ट्रपति, हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस अराजक स्थिति में आप हस्तक्षेप करें और विवेक की आवाज़ बनें. मेरे पति सोनम वांगचुक कभी किसी के लिए, और न ही अपने राष्ट्र के लिए खतरा हो सकते हैं. उन्होंने हमेशा लद्दाख के लोगों और भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होकर सेवा की है.”
गिरफ्तारी और विरोध का पृष्ठभूमि
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया. यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब लेह में हिंसक प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद क्षेत्र में BNSS की धारा 163 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को आंशिक रूप से हटाया गया ताकि लोग आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें.
क्यों भड़का है लद्दाख?
लद्दाख में लोग राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं. छठी अनुसूची के तहत जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए स्वायत्त जिला परिषदों का गठन किया जाता है, जैसा कि असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में है.