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मां है या राक्षस? 12 साल की बेटी को शराब पिलाकर प्रेमी से कराया रेप, कोर्ट ने दोनों को दी 180 साल जेल की सजा

केरल में एक हैरान कर देने वाले मामले में मां और उसके प्रेमी को 12 साल की नाबालिग बेटी के दो साल तक हुए दुष्कर्म के आरोप में 180-180 साल की कठोर कैद और ₹11.7 लाख जुर्माना की सज़ा सुनाई गई. पॉक्सो कोर्ट ने कहा कि यह अब तक का सबसे सख्त फैसला है, क्योंकि यहाँ माँ ही अपराध की साझेदार थी. बच्ची को शराब पिलाई जाती थी, धमकाया जाता था और चुप रहने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. अदालत ने पूरा जुर्माना पीड़िता को देने का आदेश दिया है.

मां है या राक्षस? 12 साल की बेटी को शराब पिलाकर प्रेमी से कराया रेप, कोर्ट ने दोनों को दी 180 साल जेल की सजा
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 5 Nov 2025 10:33 AM

केरल में सामने आया एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला, जिसने न सिर्फ कानून व्यवस्था को बल्कि इंसानी रिश्तों की मर्यादाओं को भी झकझोर दिया है. एक मां, जिसने जन्म देकर सुरक्षा का वादा किया था, वही अपनी 12 साल की बेटी के सबसे बड़े शोषण की गवाह ही नहीं, बल्कि साथी भी बन गई. अदालत ने इस जघन्य अपराध को “मानवता के खिलाफ सबसे काले अध्यायों में से एक” बताया है.

पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को मां और उसके प्रेमी को 180-180 साल की कठोर कैद और 11.7 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि अपराध दो साल तक लगातार चलता रहा, और यह सिर्फ एक रेप केस नहीं, बल्कि “विश्वास, मातृत्व और बचपन की तीन-स्तरीय हत्या” थी.

इतिहास की सबसे कठोर सजा में से एक

स्पेशल पॉक्सो जज अशरफ एएम ने दोनों आरोपियों को पॉक्सो एक्ट की अलग-अलग धाराओं में 40-40 साल की कैद (कुल 180 वर्ष) और भारी जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना न भरने पर सजा में 20 महीने और जोड़े जाएंगे. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह देश में पहली बार है कि किसी महिला को बच्ची के दुष्कर्म में सह-आरोपी होने पर इतनी बड़ी सजा मिली है.

कैसे बना यह रिश्ता अपराध का गठबंधन?

महिला शादीशुदा थी और पति-बेटी के साथ तिरुवनंतपुरम में रहती थी. वहीं उसकी मुलाकात एक युवक से हुई और दोनों के बीच अवैध संबंध शुरू हो गए. कुछ महीनों बाद महिला पति को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग गई और 2019 से 2021 के बीच पलक्कड़ और मल्लापुरम में किराए के मकानों में रहने लगी. इस सबमें बच्ची को भी साथ ले जाया गया—यहीं से उसकी त्रासदी शुरू हुई.

मां बनी अपराध की साथी

जांच में सामने आया कि महिला सिर्फ खामोश नहीं थी, बल्कि हर बार अपराध में शामिल रहती थी. उसने बेटी को शराब पिलाई, उसे चुप रहने की धमकी दी, और दिमाग में चिप लगा होने का झांसा देकर डराया ताकि वह किसी को सच न बता सके.

अदालत ने क्या कहा?

स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के मुताबिक, यह पहली बार है जब किसी महिला को पॉक्सो मामले में “सह-अपराधी” होने पर इतनी भारी सज़ा मिली है. हर अपराध के लिए 40 साल की सज़ा जोड़कर कुल 180 साल तय किए गए. जुर्माना न देने पर 20 महीने और जेल काटने होंगे.

पीड़िता के लिए मुआवजा और सपोर्ट का आदेश

अदालत ने पूरा जुर्माना पीड़िता को देने का आदेश दिया है और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि लड़की को अतिरिक्त आर्थिक सहायता और काउंसलिंग दी जाए ताकि वह नया जीवन शुरू कर सके.

सिस्टम के लिए चेतावनी

यह मामला सिर्फ कानूनी मिसाल नहीं, बल्कि सवाल भी है. जब घर और मां ही सुरक्षित नहीं, तो बच्चा कहां जाए? कोर्ट का फैसला साफ संदेश है: बच्चा सुरक्षित नहीं होगा तो सज़ा सिर्फ अपराधी को नहीं, उसके संरक्षक को भी मिलेगी. यह मामला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है कि रिश्तों की आड़ में की गई क्रूरता कितनी गहरी चोट पहुंचा सकती है. अदालत का यह फैसला उस बच्ची के लिए न्याय की एक किरण है और आने वाले मामलों में नज़ीर बनेगा.

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