पिता की मौत ने तोड़ी हिम्मत, फिर मां बनीं जीत की वजह, पावरलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली पहली IPS अधिकारी की कहानी
IPS Officer Anita Roy: एसएसपी पुडुचेरी के रूप में तैनात महिला आईपीएस ऑफिसर अनीता रॉय ने साउथ अफ्रीका के सन सिटी में आयोजित कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल क्लासिक बेंच प्रेस कंपटीशन में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही ऐसा करने वाली वह पहली महिला आईपीएस ऑफिसर बन गई है.

IPS Officer Anita Roy: कहते हैं अगर ठाना है तो सपनों में भी लगेगी उड़ान की पंख और यही जीवन की सच्चाई है. इस दुनिया और प्रकृति के भी यही सिद्धांत हैं कि अगर आपने पूरी ताकत के साथ किसी चीज के पीछे दौड़ लगाई तो बाहरी शक्ति भी आपको इस ओर ही ले जाती है. ऐसी ही एक कहानी पुडुचेरी की महिला आईपीएस ऑफिसर SSP अनीता रॉय की है.
मीटिंग हो या फिर काम, वह अक्सर अपनी डायरी में लिखती थी- 'मैं जीतूंगी.' हुआ भी ऐसा ही, एक दिन वह जीत गई और बन गई कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर.
70 किलो का उठाया वजन
अनीता रॉय ने 46 साल की उम्र में 4 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका के सन सिटी में आयोजित कॉमनवेल्थ इंटरनेशनल क्लासिक बेंच प्रेस कंपटीशन में 70 किलो वजन उठाकर इतिहास रच दिया. उन्होंने पावरलिफ्टिंग में सिर्फ गोल्ड मेडल ही नहीं जीता बल्कि अपनी इस जीत के साथ ही वह पावरलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला आईपीएस ऑफिसर भी बन गई. ये जीत उन्होंने 43 देशों के प्रतियोगियों के बीच हासिल की है.
2019 में शुरू की थी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
अनीता रॉय 2019 में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शुरू की थी. हालांकि, 2021 में उन्हें कोरोनावायरस हो गया और उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने 2022 में दिल्ली राज्य स्तरीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप जीती. जब उन्हें लगा कि उनका लिफ्टिंग करियर सफल हो जाएगा तो उनके घुटने में चोट लग गई.
हालांकि, वह एक बार फिर उठी और 2023 में उन्होंने टेक्सास में आयोजित विश्व बेंच प्रेस चैंपियनशिप के लिए नामांकित होने के लिए बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय बेंच प्रेस चैंपियनशिप में जीत हासिल की. हालांकि, लिफ्टिंग में आई तकनीकी खामी के कारण उन्हें कोई पदक नहीं मिल पाया.
पिता की मौत ने रोका था करियर
जिवन में जब सब ठीक चल रहा होता है तो किस्मत को कुछ और मंजूर होता है. अनीता रॉय की जीवन ने भी कुछ और ही सोच रखा था क्योंकि 2023 में उनके पिता का कैंसर से निधन हो गया. उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था और मैंने अपना पावरलिफ्टिंग करियर लगभग छोड़ ही दिया था.
मां बन गई अनीता की जीत की वजह
उन्होंने बताया कि अपनी विधवा मां सुमित्रा रॉय के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उन्होंने वजन उठाना जारी रखा. उन्होंने कहा, 'जब मैंने कॉमनवेल्थ बेंच प्रेस में जीत हासिल की तो वह मुझे बधाई देने वाली पहली व्यक्ति थीं. मुझे लगता है कि मेरी जीत ने उनकी जिंदगी में भी खुशियां वापस ला दीं.'