जिस पाकिस्तान के नक्शेकदम पर चल रहा बांग्लादेश, इंदिरा गांधी ने उसी को तोड़कर बनाया था नया देश
Indira Gandhi Role In Bangladesh: आज यानी 5 दिसंबर 1971 को भारत ने बांग्लादेश को एक देश के रूप में मान्यता दी थी. बांग्लादेश के जन्म में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अहम रोल निभाया था. इसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाएगा. उन्होंने क्या कुछ किया था, आइए विस्तार से जानते हैं...

Indira Gandhi Bangladesh: 15 अगस्त 1947... यह वह तारीख है, जिस दिन भारत को आजादी मिली. इसी के साथ देश के दो हिस्से भी हो गए. दूसरे हिस्से को पाकिस्तान कहा गया. पाकिस्तान भी दो हिस्सों में बंटा था- पश्चिम पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान. पश्चिम पाकिस्तान मौजूदा समय में पाकिस्तान है. वहीं पूर्वी बांग्लादेश आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.
आज यानी 5 दिसंबर 1971 को भारत ने बांग्लादेश को एक देश के रूप में मान्यता दी थी. बांग्लादेश के जन्म में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अहम रोल निभाया था. इसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाएगा. उन्होंने क्या कुछ किया था, आइए विस्तार से जानते हैं...
1952 में पाकिस्तान में शुरू हुआ बंगाली भाषा आंदोलन
पाकिस्तान को बने हुए अभी 5 साल ही हुए थे कि 1952 में पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली भाषा को लेकर आंदोलन शुरू हो गया. शेख मुजीबुर रहमान ने 1966 में छह सूत्रीय मांग की, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान को अधिक स्वायत्तता देने की बात कही गई. फिर आता है साल 1971... पाकिस्तान के राष्ट्रपति याह्मा खान ने पूर्वी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर रहमान और अनुयायियों पर कड़ी कार्रवाई की, जिससे हिंसा फैल गई. लोगों पर पाकिस्तान की सेना ने जुल्म और अत्याचार की सारी इंतेहां पार कर दी. आखिरकार 26 मार्च 1971 को रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की. यह बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की शुरुआत मानी जाती है.
इंदिरा गांधी का बांग्लादेश बनने में क्या योगदान था?
इंदिरा गांधी ने अप्रैल 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को समर्थन देना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में शरणार्थियों के लिए शिविर लगवाए और मुक्ति वाहिनी को ट्रेनिंग दी और उन्हें सपोर्ट किया. इसी का नतीजा रहा कि 17 अप्रैल 1971 को शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने.
इंदिरा ने मुक्ति संग्राम के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के मकसद से सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका का दौरा किया. उन्होंने सितंबर 1971 में संयुक्त राष्ट्र संघ में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के मुद्दे को उठाया. इतना ही नहीं, जब दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ भारत की जंग शुरु हुई तो इंदिरा ने भारतीय सशस्त्र बलों को पूर्वी पाकिस्तान में घुसने और मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर लड़ने का आदेश दिया. इसी का नतीजा रहा कि 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश के रूप में नया देश अस्तित्व में आया.
बांग्लादेश की पहली सरकार का गठन 1971 में हुआ. शेख मुजीबुर रहमान इसके पहले प्रधानमंत्री बने. इसके बाद 1972 में ही भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर हुए, जो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रतीक है.
आज भारत और बांग्लादेश के बीच कैसे हैं रिश्ते?
अगस्त 2024 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक रिश्तों में खटास पैदा हो गई है. मामला तब और बिगड़ गया, जब हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वाले चिन्मय दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. भारत में इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला.
बांग्लादेश इस समय पाकिस्तान के नक्शेकदम पर चल रही है, जो आने वाले समय में उसके लिए खतरनाक हो सकता है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि हिंदुओं पर हमले को लेकर भारत की चिंताएं प्रोपेगेंडा है. उसे शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपना ही होगा.