IndiGo ने संकट से पहले नहीं दी कोई चेतावनी... संसद में सरकार बोली- FDTL नहीं, ‘आंतरिक गड़बड़ी’ है फ्लाइट्कैंस सिलेशन की असली वजह
इंडिगो एयरलाइंस द्वारा बड़े पैमाने पर की गई फ्लाइट कैंसिलेशन को लेकर सरकार ने संसद में बड़ा बयान दिया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ किया कि 1 दिसंबर को इंडिगो के साथ हुई बैठक में एयरलाइन ने किसी भी तकनीकी या ऑपरेशनल समस्या की जानकारी नहीं दी थी, जबकि अगले ही दिन से बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होनी शुरू हो गईं. सरकार के अनुसार यह संकट इंडिगो के क्रू रोस्टरिंग सिस्टम और आंतरिक प्लानिंग में खामी के कारण पैदा हुआ. बीते 7 दिनों में 4,500 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जिससे लाखों यात्री प्रभावित हुए.
Ram Mohan Naidu statement on IndiGo crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो द्वारा बीते एक हफ्ते से लगातार की जा रही फ्लाइट्स कैंसिलेशन को लेकर सरकार ने संसद में बड़ा खुलासा किया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि 1 दिसंबर को इंडिगो के साथ हुई बैठक में एयरलाइन ने किसी भी तरह की समस्या को लेकर कोई संकेत नहीं दिया था, लेकिन ठीक अगले दिन से बड़े पैमाने पर उड़ानों को रद्द करना शुरू कर दिया गया.
प्रमोद तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि इंडिगो का यह संकट उसकी आंतरिक प्रणाली (Internal System) और क्रू रोस्टरिंग (Crew Rostering) में खामी की वजह से पैदा हुआ है. उन्होंने नवंबर से लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराने से भी इनकार किया.
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7 दिनों में 4,500 से ज्यादा उड़ानें रद्द, लाखों यात्री परेशान
मंगलवार दोपहर से शुरू हुआ उड़ानों का रद्द का सिलसिला सोमवार को सातवें दिन में पहुंच गया. इस अवधि में इंडिगो ने 4,500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं, जिससे देशभर के हवाई अड्डों पर भारी अव्यवस्था फैल गई. चूंकि इंडिगो की भारत के घरेलू एविएशन बाजार में लगभग 60% हिस्सेदारी है, ऐसे में इस संकट का सीधा असर लाखों यात्रियों पर पड़ा. कई यात्री एयरपोर्ट पर फंसे नजर आए, ट्रैवल प्लान ध्वस्त हो गए और टिकट रिफंड को लेकर भी भारी नाराजगी देखने को मिली.
5.86 लाख यात्रियों के टिकट रद्द, ₹569 करोड़ का रिफंड जारी
संसद में मंत्री राम मोहन नायडू ने यह भी जानकारी दी कि इस पूरे संकट के दौरान कुल 5,86,705 यात्रियों की बुकिंग रद्द हुई, जिनके लिए अब तक ₹569 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया जा चुका है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CARs) लागू हैं और सभी एयरलाइंस को इनका पालन करना अनिवार्य है.
सॉफ्टवेयर गड़बड़ी की जांच शुरू, DGCA ने भेजा शो-कॉज नोटिस
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इंडिगो की क्रू मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर प्रणाली में गड़बड़ी को लेकर जांच शुरू कर दी गई है. वहीं, DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने एयरलाइन को शो-कॉज नोटिस जारी किया है. हालांकि, इंडिगो को जवाब देने के लिए 24 घंटे की अतिरिक्त मोहलत भी दी गई है. सोमवार सुबह भी इंडिगो की 400 से ज्यादा नई उड़ानें रद्द हुईं. हालांकि, एयरलाइन का दावा है कि परिचालन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है.
सरकार ने मानी अस्थायी राहत, पहले भी ‘कुप्रबंधन’ का आरोप
यह पहला मौका नहीं है जब मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो के कुप्रबंधन (Mismanagement) पर सवाल उठाए हों. उन्होंने पहले भी कहा था कि नई रोस्टरिंग व्यवस्था के अनुरूप अन्य एयरलाइंस ने खुद को ढाल लिया, लेकिन इंडिगो ऐसा नहीं कर पाई. हालात को संभालने के लिए सरकार को कुछ FDTL नियमों में अस्थायी राहत तक देनी पड़ी.
सरकार का बड़ा संकेत: एविएशन सेक्टर में और खिलाड़ी चाहिए
राज्यसभा में जब इंडिगो के बाजार में बड़े वर्चस्व का मुद्दा उठा, तो मंत्री ने साफ कहा कि सरकार चाहती है कि एविएशन सेक्टर में और खिलाड़ी आएं. उन्होंने कहा, “आज भारत में पांच बड़ी एयरलाइंस की क्षमता है और मंत्रालय लगातार इस दिशा में काम कर रहा है कि और कंपनियां इस क्षेत्र में उतरें.”
सरकार का विज़न: भारत को वैश्विक एविएशन हब बनाना
राम मोहन नायडू ने कहा कि टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन इस सेक्टर की जरूरत है और सरकार का लक्ष्य है कि भारत का एविएशन सेक्टर वैश्विक मानकों पर खरा उतरे. यात्रियों को हुई असुविधा को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.





