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अंधेरी कोठरी में कई रातें, रास्ते में देखीं लाशें... अमेरिका से लौटे भारतीयों ने सुनाई डंकी रूट की दर्दनाक कहानी

Indians Deported From US: इल्लीगल इमिग्रेंट्स पर डोनाल्ड ट्रम्प के सख्त रुख के बाद भारत लौट आए 104 भारतीय प्रवासियों के ने दर्दनाक कहानी सुनाई, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे कई किमी तक पैदल चलना पड़ा और इस दौरान रास्ते में कई लाशें भी उन्होंने देखी.

अंधेरी कोठरी में कई रातें, रास्ते में देखीं लाशें... अमेरिका से लौटे भारतीयों ने सुनाई डंकी रूट की दर्दनाक कहानी
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Indians Deported From US
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 6 Feb 2025 10:45 AM IST

Indians Deported From US: अमेरिका जाने का सपना हर किसी का होता है. कभी-कभी भारतीय गलत कदम उठाकर अवैध तरीके से भी बॉर्डर पार कर अमेरिका जाने का रास्ता चुनते हैं, लेकिन ये रास्ता बेहद खतरनाक होता है. दक्षिण अमेरिका के लिए लंबी दूरी की उड़ानें, डगमगाती नावों के बीच उफनती समुद्र, जोखिम भरे इलाकों से होकर गुजरना, अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर अंधेरे कमरों में रहना.

इन सबसे गुजर कर वह अमेरिका पहुंचते हैं. लेकिन अमेरिका में बसने का सपना उन 104 भारतीय प्रवासियों के लिए टूट गया. उन्हें अपने वतन वापस लौटा दिया गया है, जहां उन्होंने अमृतसर की धरती पर अपना कदम रखा. इसके बाद उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई, जिसमें उन्होंने अपनी दर्दनाक कहानी का जिक्र किया.

हरविंदर सिंह ने सुनाई आपबीती

पंजाब के होशियारपुर जिले के तहली गांव के निवासी हरविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें एजेंट ने अमेरिका में वर्क वीजा देने का वादा किया था, जिसके लिए उन्होंने 42 लाख रुपये चुकाए थे. आखिरी समय में हरविंदर सिंह को बताया गया कि वीजा नहीं मिला और बाद में उन्हें दिल्ली से कतर और फिर ब्राजील तक लगातार उड़ानों में बिठाया गया.

हरविंदर बताते हैं कि ब्राजील में मुझे बताया गया कि मुझे पेरू से एक उड़ान में बैठाया जाएगा, लेकिन ऐसी कोई उड़ान नहीं थी. फिर टैक्सियों ने हमें कोलंबिया और आगे पनामा की शुरुआत तक पहुंचाया. वहां से मुझे बताया गया कि एक जहाज हमें ले जाएगा, लेकिन वहां भी कोई फ्लाइट नहीं था. यहीं से हमारा डंकी रूट यानी गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने का रास्ता शुरू हुआ, जो दो दिनों तक चला.'

लाशों को छोड़ बढ़ना पड़ा आगे

पहाड़ी रास्ते से होते हुए हरविंदर और उनके साथ आए प्रवासियों को एक छोटी नाव में गहरे समुद्र में मैक्सिको सीमा की ओर भेजा गया. 4 घंटे की समुद्री यात्रा में उन्हें ले जा रही नाव पलट गई, जिससे उनके साथ आए एक व्यक्ति की मौत हो गई. दूसरे की मौत पनामा के जंगल में हुई. इस दौरान वे चावल खाकर जिंदा रहे.

दारापुर गांव के सुखपाल सिंह को भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्हें समुद्री रूट से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ी और पहाड़ियों से होकर 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. उन्होंने कहा, 'अगर कोई घायल हो जाता था तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता था. हमने रास्ते में कई शव देखे.

अंधेरी कोठरी में गुजारी कई रातें

उन्होंने आगे बताया कि जब वह अमेरिका में एंट्री लेने ही वाले थे, तब जालंधर जिले के मूल निवासी को मेक्सिको में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा, 'हमें 14 दिनों तक एक अंधेरी कोठरी में रखा गया और हमने कभी सूरज नहीं देखा. हजारों पंजाबी लड़के, परिवार और बच्चे ऐसी ही परिस्थितियों में हैं.'

भारी कर्ज में डूबे कई परिवार

विभिन्न राज्यों से 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर पहुंचा. पंजाब से अवैध रूप से आए प्रवासियों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए बहुत सारा कर्ज लिया था, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो, लेकिन अब वे भारी कर्ज में डूबे हुए हैं. अब वे उन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

कपूरथला के बहबल बहादुए में गुरप्रीत सिंह के परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए अपना घर गिरवी रख दिया और पैसे उधार लिए. फतेहगढ़ साहिब में जसविंदर सिंह के परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए 50 लाख रुपए खर्च किए, अब उन्हें ऊंची ब्याज दरों पर लिए गए कर्ज को चुकाना पड़ रहा है.

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