अमेरिका सुन ले! भारत तेल खरीदेगा वहीं से जहां सस्ता और फायदेमंद मिलेगा- US टैरिफ पर भारतीय राजदूत ने कर दिया साफ
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और रूस से तेल आयात पर सवालों के बीच भारत ने दो टूक जवाब दिया है. भारतीय राजदूत ने साफ कहा कि भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतें देखते हुए तेल वहीं से खरीदेगा जहाँ सस्ता और फायदेमंद मिलेगा. रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा कि तेल की खरीद का निर्णय केवल व्यावसायिक आधार पर लिया जाता है और भारत को 'सबसे अच्छे सौदे' वाले स्रोत से ही ऊर्जा खरीदना जारी रहेगा. उन्होंने अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने के फैसले को 'अनुचित और असंगत' करार दिया.

भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के बीच साफ किया है कि वह ऊर्जा सुरक्षा के अपने उद्देश्यों के तहत तेल की खरीद को जारी रखेगा. रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा कि तेल की खरीद का निर्णय केवल व्यावसायिक आधार पर लिया जाता है और भारत को 'सबसे अच्छे सौदे' वाले स्रोत से ही ऊर्जा खरीदना जारी रहेगा. उन्होंने अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने के फैसले को 'अनुचित और असंगत' करार दिया.
कुमार ने तास समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि भारत की प्राथमिकता 14 करोड़ भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा है, न कि किसी बाहरी राजनीतिक दबाव को मानना. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और रूस के बीच तेल के भुगतान का सिस्टम सुरक्षित और स्थिर है, जिससे व्यापार में कोई बाधा नहीं आई है.
अमेरिकी टैरिफ पर प्रतिक्रिया
विनय कुमार ने अमेरिका के निर्णय की निंदा करते हुए कहा, 'अमेरिका का यह कदम अनुचित, असंगत और बिना किसी औचित्य के है. यह एक प्रकार का दंड है जो निष्पक्ष व्यापार के सिद्धांतों को कमजोर करता है.' उन्होंने बताया कि भारत और रूस के बीच व्यापार केवल व्यावसायिक आधार पर होता है और यदि किसी अन्य देश से बेहतर डील मिले, तो भारत वही खरीदारी करेगा.
ऊर्जा सुरक्षा सर्वोपरि
राजदूत ने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा नीति का लक्ष्य अपनी जनता के लिए भरोसेमंद और स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा, “सरकार हमेशा ऐसे उपाय करेगी जो देशहित में हों. हमारी प्राथमिकता 14 करोड़ लोगों की ऊर्जा सुरक्षा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के कदम की आलोचना करते हुए इसे 'अनुचित और असंगत' बताया. उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा.
भारत-रूस व्यापार और भुगतान व्यवस्था
विनय कुमार ने कहा कि भारत और रूस ने राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान के लिए एक स्थिर और सुरक्षित व्यवस्था स्थापित की है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद यह व्यवस्था दोनों देशों के ऊर्जा व्यापार को बनाए रखने में सहायक रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत रूस से तेल खरीदने के बावजूद रूस में अपने निर्यात को सीमित रखे हुए है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन बना हुआ है.