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अब भारत से टकराने से पहले 100 बार सोचेगा दुश्मन, DRDO ने VSHORADS का किया सफल परीक्षण

जहां एक तरफ रूस-यूक्रेन वॉर, इजरायल-लेबनान के बीच युद्ध चल रहा है और इधर भारत अपने आप को मजबूत करने में लगा है. भारत में कल रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट्स आई थी और आज DRDO ने पोखरण में VSHORADS मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इसके पहले भी VSHORADS मिसाइल के दो सफल परीक्षण हुए हैं. इससे भारत की ताकत और बढ़ेगी साथ ही मिसाइल के परीक्षण से दुश्मनों को डर का एहसास होगा.

अब भारत से टकराने से पहले 100 बार सोचेगा दुश्मन, DRDO ने VSHORADS का किया सफल परीक्षण
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( Image Source:  ANI )
प्रिया पांडे
Curated By: प्रिया पांडे

Updated on: 8 Dec 2025 2:17 PM IST

भारत ने राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेशी रूप से विकसित VSHORADS मिसाइल का सफलतापूर्वक टेस्ट किया है. यह परीक्षण Defence Research and Development Organisation (DRDO) द्वारा किया गया. इस दौरान कम दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम के तीन सफल परीक्षण किए गए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए DRDO, भारतीय सेना और इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा, "मॉडर्न तकनीकों से लैस यह मिसाइल सिस्टम हमारे आर्मड फोर्सेस को हवाई खतरों से निपटने में और अधिक तकनीक को बढ़ावा देगा." MoD ने शनिवार को एक बयान में कहा कि यह चौथी पीढ़ी की अत्याधुनिक VSHORADS मिसाइल प्रणाली सभी सुरक्षा बलों की जरूरतों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

एयर स्ट्राइक से निपटने में कारगार

इस मिसाइल को बनाने का काम पिछले कुछ सालों से किया जा रहा था और ये कम दूरी की फ्लाइट, ड्रोन और किसी भी हवाई टारगेट से निपटनें में मदद करेगा. अभी तक इंडियन आर्मी अपनी आवश्यकताओं के लिए रूसी इग्ला मिसाइलों पर निर्भर थी, लेकिन पिछले कई सालों से इसे मॉडर्न बनाने की जरूरत महसूस की जा रही थी. VSHORADS प्रोजेक्ट्स में दो प्राइवेट कंपनियां भी इसकी साझेदार हैं.

इंडो-पैसिफिक रिजनल टॉक में भारत का पहलू

इसके साथ ही, शुक्रवार को राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय वार्ता (IPRD) 2024 को संबोधित किया. उन्होंने विवादों के समाधान और देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया.

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, आसियान पर जोर देते हुए, इंडो-पैसिफिक में रिजनल स्थिरता के साथ-साथ सामूहिक विकास को बढ़ावा देना चाहता है. इसके अलावा, उन्होंने इसके पार्टनर देशों के साथ समुद्री सुरक्षा को महत्ता देने और सामूहिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए ज्वाइंट प्रैक्टिस और सूचना बांटने को जरूरी बताया.

इंडो-पैसिफिक में भारत की जरूरत

राजनाथ सिंह ने इंडो-पैसिफिक रिजन के लिए भारत की दृष्टि को समझाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के विचार पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत अपने भागीदारों के साथ सतत विकास और आपसी सुरक्षा को प्राथमिकता देता है.

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