भारत ने तबाह किए पाकिस्तान के नूरखान, मुरीद और रफीकी एयरबेस, जानिए क्यों थे ये ISI और PAF की रीढ़
भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर पहुंचे तनाव के बीच, 10 मई की रात भारत ने नूर खान, मुरीद चकवाल, रफ़ीकी और रहीम यार खान जैसे पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेसों पर मिसाइल हमले किए. ये सभी ठिकाने रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण थे, जहां से VIP मूवमेंट, ड्रोन ऑपरेशन्स और युद्धक मिशन संचालित होते थे. भारत की यह कार्रवाई सिर्फ जवाबी हमला नहीं, बल्कि एक स्पष्ट चेतावनी थी कि अब हर उकसावे का निर्णायक जवाब मिलेगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है, और इस बार भारत ने सैन्य संयम छोड़कर दुश्मन की सैन्य रीढ़ पर सीधा वार किया है. 10 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के चार सबसे अहम एयरबेस नूर खान, मुरीद चकवाल, रफ़ीकी और रहीम यार खान को मिसाइल हमलों में निशाना बनाकर रणनीतिक दबदबे का नया उदाहरण पेश किया.
इन हमलों की खास बात यह रही कि इन चारों ठिकानों को पाकिस्तान अपने सबसे सुरक्षित सैन्य केंद्रों में गिनता था, जहां से VIP मूवमेंट, ड्रोन ऑपरेशन, विशेष हवाई मिशन और तेज़ प्रतिक्रिया वाली फोर्सेस का संचालन होता था.
भारत ने क्यों चुने यही एयरबेस?
इन चारों एयरबेसों को निशाना बनाना किसी साधारण जवाबी कार्रवाई का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अब न तो उकसावे बर्दाश्त करेगा, न ही पीछे हटेगा.
नूर खान एयरबेस: ISI और VIP मूवमेंट का नर्व सेंटर
रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस, जिसे पहले चकला एयरबेस कहा जाता था, पाकिस्तान के सबसे गोपनीय और रणनीतिक सैन्य अड्डों में से एक है. ISI के शीर्ष अधिकारियों की हवाई आवाजाही, VIP मूवमेंट, लॉजिस्टिक्स सप्लाई और एयरफोर्स के कई क्लासिफाइड मिशन यहीं से संचालित होते रहे हैं. इस एयरबेस पर हमला भारत की ओर से पाकिस्तान की गुप्त गतिविधियों को ठप करने का इशारा माना जा रहा है.
PAF मुरीद चकवाल: ड्रोन जंग का हब
यह वही एयरबेस है जहां से भारत के खिलाफ हाल के वर्षों में सबसे ज़्यादा ड्रोन लॉन्च हुए. शाहपार-1 और बैराकटर TB2 जैसे आधुनिक ड्रोन यहीं तैनात हैं. इस एयरबेस से पंजाब और जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा की गई हालिया ड्रोन गतिविधियों की पुष्टि भी हुई है. भारत की जवाबी कार्रवाई में यह बेस तबाह हो गया और अपनी कार्रवाई से भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब 'प्रॉक्सी वार' का जवाब सीधे 'मदरबेस' पर वार से मिलेगा.
रफ़ीकी एयरबेस: मिराज और JF-17 की रणभूमि
PAF रफ़ीकी एयरबेस पाकिस्तान के सेंट्रल एयर कमांड का हिस्सा है और JF-17 Thunder व Mirage-5 जैसे फाइटर जेट्स की तैनाती के लिए जाना जाता है. यहां से पाकिस्तान अपने फ्रंटलाइन स्क्रैम्बल ऑपरेशन्स और त्वरित हवाई प्रतिक्रिया देता रहा है. भारत की स्ट्राइक ने इस बेस की ऑपरेशनल क्षमताओं को झटका दिया है, जिससे पाकिस्तान की हवाई ‘first responder’ रणनीति में भारी सेंध मानी जा रही है.
PAF रहीम यार खान: दक्षिण का रणनीतिक ठिकाना
पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब क्षेत्र में स्थित रहीम यार खान एयरबेस भले ही कम प्रसिद्ध हो, लेकिन इसका भौगोलिक स्थान इसे भारत की पश्चिमी सीमा के खिलाफ PAF की रीढ़ बनाता है. 10 मई की रात हुए मिसाइल हमले में इस बेस को भी खासा नुकसान पहुंचने की खबर है. यह सीधा संकेत है कि भारत अब पाकिस्तान की हर रणनीतिक गहराई तक पहुंच सकता है.
'सिविल एयरलाइनों' की आड़ में पाकिस्तान की कायरता
शुक्रवार को भारतीय विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने हमले के समय जानबूझकर अपने नागरिक एयरस्पेस को बंद नहीं किया. उसका मकसद था – भारत की जवाबी कार्रवाई को टालने के लिए सिविल एयरलाइनों को ‘ह्यूमन शील्ड’ के तौर पर इस्तेमाल करना. वायुसेना की अफसर ने साफ कहा, “भारत ने संयम दिखाया, लेकिन पाकिस्तान ने अपनी ही नागरिक उड़ानों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया.”
ये हमले सिर्फ जवाब नहीं थे, यह सैन्य संदेश था. पाकिस्तान को ये एहसास हो गया है कि अब भारत सिर्फ धमकी नहीं देता, वह दुश्मन की रणनीति को ऑन-ग्राउंड तबाह करने की भी क्षमता रखता है. भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम, बेस इंफ्रास्ट्रक्चर और सैटेलाइट निगरानी को पूरी तरह चौंका दिया है.





