अब हम बन गए हैं वर्ल्ड इकोनॉमी के '4th बॉस'- जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत - 10 बातें
हाल ही में संपन्न हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद यह जानकारी साझा की गई. सुब्रह्मण्यम का दावा है कि अगर भारत इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ सकता है.

भारत ने एक और ऐतिहासिक आर्थिक उपलब्धि हासिल कर ली है. नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने घोषणा की है कि भारत अब 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी पार करते हुए जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अब भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं. यह उपलब्धि भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों, घरेलू सुधारों और वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होने का परिणाम है.
हाल ही में संपन्न हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद यह जानकारी साझा की गई. सुब्रह्मण्यम का दावा है कि अगर भारत इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ सकता है. यह संकेत है कि ‘न्यू इंडिया’ केवल सपना नहीं, बल्कि एक मजबूत वैश्विक शक्ति बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है. याहां जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें...
- नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की GDP अब 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है, जिससे वह जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
- वैश्विक स्तर पर अब भारत से केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही आगे हैं. जापान अब पांचवें स्थान पर खिसक गया है.
- यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया अनुमानों पर आधारित है, जिसे सुब्रह्मण्यम ने प्रेस मीट में दोहराया.
- नीति आयोग प्रमुख ने इस वृद्धि का श्रेय देश में हुए आर्थिक सुधारों और अनुकूल वैश्विक वातावरण को दिया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी.
- सुब्रह्मण्यम के अनुसार, यदि भारत अपनी वर्तमान नीति और गति बनाए रखता है, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
- यह आर्थिक प्रगति भारत की वैश्विक छवि और भू-राजनीतिक ताकत को और भी मजबूत करती है, खासकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका के लिहाज से.
- यह बयान नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद दिया गया, जिसमें केंद्र और राज्यों के शीर्ष नीति निर्माता शामिल थे.
- सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं, मेक इन इंडिया जैसे अभियानों ने औद्योगिक उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा दिया है.
- भारत की सेवा आधारित अर्थव्यवस्था और डिजिटल क्षेत्रों जैसे फिनटेक, ई-कॉमर्स, और डिजिटल पेमेंट्स ने GDP में तेजी से योगदान दिया.
- वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य बन कर उभरा है, जिससे विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बढ़ा है.