Begin typing your search...

'जान प्यारी है तो भगवा उतारो, तिलक मिटाओ', इस्कॉन कोलकाता ने साधु-संतों से ऐसा क्यों कहा?

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बांग्लादेश में रह रहे अपने सहयोगियों और अनुयायियों को सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि किसी भी खतरे से बचने के लिए भगवा रंग से बचें, तुलसी की माला छिपाएं, तिलक पोंछें और सिर ढकें.

जान प्यारी है तो भगवा उतारो, तिलक मिटाओ, इस्कॉन कोलकाता ने साधु-संतों से ऐसा क्यों कहा?
X
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 3 Dec 2024 9:22 AM IST

बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन पुजारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के मद्देनजर, इस्कॉन कोलकाता ने अपने अनुयायियों और पुजारियों को अपनी पहचान छिपाने की सलाह दी है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने लोगों से कहा है कि वे घरों और मंदिरों में पूजा-पाठ करें और जब बाहर जाएं, तो अपनी धार्मिक पहचान को छुपाकर चलें. उन्होंने सुझाव दिया कि बाहर जाते वक्त भगवा वस्त्र न पहनें, तुलसी माला को छिपा लें, सिर ढक लें और तिलक को धो लें.

इससे कट्टरपंथी हमलों से बचने में मदद मिल सकती है. बता दें कि बांग्लादेश में चिन्मय दास प्रभु सहित कई पुजारियों को गिरफ्तार किया गया है, और हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. राधारमण दास ने यह भी दावा किया कि चिन्मय दास के वकील, रमण रॉय, को इतनी बुरी तरह पीटा गया है कि वह ICU में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं.

साधु-संतों की सुरक्षा के लिए इस्कॉन की विशेष दिशा-निर्देश

राधारमण दास ने कहा कि मैं सभी भिक्षुओं और सदस्यों को सलाह दे रहा हूं कि इस संकट के समय में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और संघर्ष से बचने के लिए अत्यंत सतर्क रहें. मैंने उन्हें यह सलाह दी है कि वे भगवा कपड़े पहनने और माथे पर तिलक लगाने से बचें. यदि उन्हें भगवा धागा पहनने की आवश्यकता महसूस हो, तो उसे इस प्रकार पहनें कि वह कपड़ों के अंदर ही छुपा रहे और बाहर न दिखे, साथ ही गर्दन के आसपास भी न दिखाई दे. यदि संभव हो, तो उन्हें अपना सिर भी ढकना चाहिए.

हिंदू नेता और इस्कॉन सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद, इस्कॉन के साधुओं पर हमले बढ़ गए हैं. उन्हें दवा देने गए उनके दो जूनियर भी गिरफ्तार कर लिए गए, और दास के अनुसार, उनके सचिव से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.

"मैं मामले के घटनाक्रम और समग्र स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए उनके सचिव से बात करता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह उपलब्ध नहीं हैं." सोमवार को, इस्कॉन के सदस्यों ने मंगलवार को चटगाँव की अदालत में पेशी से एक दिन पहले चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई के लिए राधा गोविंदा मंदिर में विशेष प्रार्थना की.

दास ने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली कि कई हिंदू वकीलों के साथ मारपीट और धमकी दी गई है, जो मंगलवार को अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले थे. दास ने यह भी कहा, "उनका प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य वकील पर हमला किया गया है, और वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

India News
अगला लेख