जिंदा मलबे से निकाल पाए तो... Omar ने माना, मौसम को लेकर वार्निग दी गई थी लेकिन... - पढ़ें किश्तवाड़ हादसे पर Top Updates
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भीषण फ्लैश फ्लड ने भारी तबाही मचाई. अब तक लगभग 60 शव बरामद हुए हैं, जबकि 60-70 लोग लापता बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासन द्वारा पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए. सेना, NDRF, SDRF और पुलिस की संयुक्त राहत कार्य जारी हैं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी सहायता का भरोसा दिलाया.

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छशोटी गांव में गुरुवार को हुई भीषण बादल फटने की घटना ने इलाके में कोहराम मचा दिया. इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो CISF जवान भी शामिल हैं. कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं, जबकि राहत और बचाव कार्य जोरों पर है. अब तक रेस्क्यू टीमों ने 167 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता पाई है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शुक्रवार शाम किश्तवाड़ पहुंचे और उन्होंने प्रभावित इलाके का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली.
बचाव और राहत कार्य तेज़
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया, 'बादल फटने की घटना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. अब तक 60 लोगों की मौत हुई है और 60-70 लोग लापता बताए जा रहे हैं. कुछ लोग आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, लेकिन बचाव अभियान जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रोलॉजिकल विभाग की चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने क्या कदम उठाए जाने चाहिए थे, इसे लेकर भी समीक्षा की जाएगी.
वहीं बीते दिन केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया था कि, सरकार ने तुरंत स्थिति का आकलन किया और पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इस पर निगरानी रखी. "CRPF, वायु सेना, भारतीय सेना, DG पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस और BRO की मशीनों का उपयोग मलबे को हटाने के लिए किया गया. अब तक 52 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से चार की पहचान नहीं हो पाई है। गंभीर रूप से घायल मरीजों को जम्मू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें बाहर रेफ़र किया जाएगा.
प्रशासन और राजनीतिक दलों की भागीदारी
मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी राहत कार्य में सक्रिय हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी से बात की और बताया कि केंद्र सरकार हर प्रकार की मदद देने के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री कल छशोटी गांव का दौरा करेंगे और प्रत्यक्ष रूप से नुकसान का आकलन करेंगे.
नुकसान और आगे की रणनीति
इस आपदा ने इलाके में भारी तबाही मचाई है. प्रशासन ने बचाव और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बचाव कार्य की समीक्षा के बाद यह देखा जाएगा कि आगे क्या सहायता आवश्यक है और किन-किन कदमों से ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सकता है.