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'मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी की जरूरत नहीं,मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं':विरोध प्रदर्शन के बीच बोलीं सीएम ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह “लोगों के हित में” इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. यह टिप्पणी जूनियर डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार को समाप्त करने के लिए बातचीत पर गतिरोध के बीच आई है.

मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी की जरूरत नहीं,मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं:विरोध प्रदर्शन के बीच बोलीं सीएम ममता बनर्जी
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संस्कृति जयपुरिया
by: संस्कृति जयपुरिया

Updated on: 13 Sept 2024 2:19 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह जनता के हित में अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. यह टिप्पणी तब आई जब जूनियर डॉक्टरों द्वारा कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार को समाप्त करने के लिए हो रही बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया.

ममता बनर्जी ने कहा मुझे कुर्सी की जरूरत नहीं

ममता बनर्जी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे मुख्यमंत्री की कुर्सी की जरूरत नहीं है. हमारी सरकार ने बहुत अपमान सहा है, और यह विरोध प्रदर्शन राजनीतिक रंग ले चुका है." उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जनता के न्याय के लिए काम कर रही है, लेकिन विरोध प्रदर्शनों का मकसद केवल सरकार को कमजोर करना है. उनका इशारा उनके राजनीतिक विरोधियों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दलों की ओर था, जिन्हें उन्होंने प्रदर्शन को "हाईजैक" करने का आरोप लगाया.

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद भी हड़ताल जारी रखने की घोषणा की. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें उनका इस्तीफा नहीं चाहिए, हमे पीड़िता के लिए न्याय चाहिए.."

टीएमसी ने एक्स पर साझा की तस्वीर

टीएमसी की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ममता बनर्जी की एक तस्वीर साझा की गई, जिसमें वह खाली कुर्सियों के सामने बैठी थीं, जो जूनियर डॉक्टरों के लिए रखी गई थीं. डॉक्टरों ने बैठक का सीधा प्रसारण मांगा था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे ठुकरा दिया, हालांकि उन्होंने बैठक को रिकॉर्ड करने पर सहमति जताई थी.

बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन डॉक्टरों के विरोध ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है, और इससे अब तक 27 मरीजों की जान जा चुकी है. उन्होंने डॉक्टरों से अपनी ड्यूटी पर लौटने की अपील की और कहा कि सरकार का इरादा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने का नहीं है, भले ही सरकार आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (ESMA) के तहत कदम उठा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही डॉक्टरों से काम पर लौटने का निर्देश दिया था, लेकिन दोनों पक्षों के बीच शर्तों को लेकर गतिरोध बना हुआ था. डॉक्टरों की प्रमुख मांगें न्याय, धमकी की संस्कृति का अंत और चिकित्सा प्रणाली में सुधार थीं.

आरजी कर मेडिकल घटना

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, और इस पर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है. एक नागरिक स्वयंसेवक की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई मामले की जांच कर रही है. भाजपा ने मुख्यमंत्री पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा दिया है, जबकि टीएमसी ने भाजपा और वामपंथी दलों पर प्रदर्शन का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.

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