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मरी हुई मां ने बच्‍चों को लगा रखा था गले, एक ही परिवार की 17 ज़िंदगियां राख; जिंदा बचे लोगों ने सुनाया हैदराबाद अग्निकांड का खौफनाक मंजर

हैदराबाद के गुलजार हाउस में लगी आग ने सिर्फ 17 जिंदगियां नहीं छीनीं, बल्कि उन जज़्बातों को भी भस्म कर दिया जो किसी परिवार की गर्मी की छुट्टियों की खुशियों से जुड़े थे. लेकिन इस भीषण हादसे में जो मंजर सामने आया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. राहत कार्य में जुटे ज़हीर की आंखों में आंसू थे जब उन्होंने बताया.

मरी हुई मां ने बच्‍चों को लगा रखा था गले, एक ही परिवार की 17 ज़िंदगियां राख; जिंदा बचे लोगों ने सुनाया हैदराबाद अग्निकांड का खौफनाक मंजर
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 18 May 2025 11:51 PM IST

हैदराबाद के चारमीनार के पास स्थित गुलजार हाउस में रविवार सुबह भीषण आग लगने से एक ही परिवार के 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मृतकों में आठ बच्चे भी शामिल हैं. यह हादसा तब हुआ जब परिवार गर्मी की छुट्टियों में मिलन समारोह के लिए इकट्ठा हुआ था. आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है. इस हादसे को लेकर एक हैरान कर देने वाली खबर बताई जा रही है 17 लोगों सभी एक ही परिवार के रहने वाले थे. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि यह हादसा चूड़ी बेचने वाले जहीर नामक एक निवासी ने के घर हुआ है.

'मां की आखिरी बाहों में हमेशा के लिए सिमट गए मासूम'

हैदराबाद के गुलजार हाउस में लगी आग ने सिर्फ 17 जिंदगियां नहीं छीनीं, बल्कि उन जज़्बातों को भी भस्म कर दिया जो किसी परिवार की गर्मी की छुट्टियों की खुशियों से जुड़े थे. लेकिन इस भीषण हादसे में जो मंजर सामने आया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. राहत कार्य में जुटे ज़हीर की आंखों में आंसू थे जब उन्होंने बताया, 'जब हम अंदर घुसे, तो धुएं और आग ने सब कुछ ढक लिया था. एक कमरे में एक मां अपने बच्चों को बाहों में भींचे हुई थी. उसने अपनी जान देकर बच्चों को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन वह आग से सब जलकर पहचान से बाहर हो गए थे. वह अब सिर्फ राख में बसी एक ममता की तस्वीर थीं.

यह हादसा सुबह करीब 6 बजे के आसपास हुआ, जब परिवार गहरी नींद में था. बिजली की खराबी ने पल भर में पूरे घर को आग का दरिया बना दिया. ऊपर की मंजिलों पर बनीं छोटी-छोटी कोठरियां, बंद खिड़कियां और एक ही तंग रास्ता. यह सब मिलकर आग के लिए जाल बन गया, जिसमें एक-एक कर सब फंसते चले गए.

दमकलकर्मी ज़हीर बताते हैं, 'हमने एक दीवार गिराई, ताकि किसी तरह अंदर जा सकें. धुएं के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन हमने 13 लोगों को बाहर निकाला. अधिकतर जलकर मर चुके थे, बाकी दम घुटने से बेहोश थे. तेलंगाना अग्निशमन विभाग के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने बताया कि आग लगने की सूचना 6:16 पर मिली, जिसके बाद तुरंत 11 दमकल गाड़ियां भेजी गईं. फायरफाइटर्स को ऑक्सीजन मास्क और ब्रीदिंग अपरेटस पहनकर अंदर जाना पड़ा.

मृतकों में आठ बच्चे थे, जिनमें सबसे छोटा बच्चा सिर्फ एक साल का था. पांच महिलाएं और चार बुज़ुर्ग भी इस हादसे का शिकार हुए. पूरा परिवार इस अग्निकांड में खत्म हो गया, बस एक महिला बचीं क्योंकि वह सुबह टहलने गई थीं. यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक परिवार की पूरी कहानी का अंत था- जिसमें मां की आखिरी झप्पी अब एक अमर तस्वीर बन चुकी है.

कैसे हुआ हादसा?

हादसा जिस इमारत में हुआ, उसमें सिर्फ एक ही प्रवेश द्वार था. खिड़कियां बंद थीं, संभवतः एयर कंडीशनर चलने के कारण. आग लगने पर धुआं बाहर निकलने का कोई रास्ता न होने के चलते पूरी इमारत कुछ ही मिनटों में गैस चैंबर में तब्दील हो गई. लोग धुएं में दम घुटने से बेहोश हो गए और इसी वजह से सभी की मौत हो गई. किसी के शरीर पर जलने के निशान नहीं मिले हैं, यह जानकारी तेलंगाना डिजास्टर रिस्पॉन्स और फायर सर्विसेज के महानिदेशक वाई नाग्गी रेड्डी ने दी.

हादसे पर किसने क्या कहा?

दक्षिण क्षेत्र की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, स्नेहा मेहरा ने बताया कि इमारत में पहुंचने के लिए दूसरा रास्ता बनाना पड़ा, क्योंकि मूल प्रवेश द्वार बहुत संकरा था. अंदर मौजूद लोगों को जब तक निकाला गया, तब तक वे बेहोश हो चुके थे. हादसे के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि कुछ लोगों ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.

राहत बचाव में क्या- क्या?

राहत कार्य में 11 दमकल गाड़ियां, एक फायर फाइटिंग रोबोट और दर्जनों फायरमैन तैनात किए गए. हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने पानी खत्म हो जाने का आरोप लगाया, जिसे अधिकारियों ने खारिज करते हुए कहा कि हर गाड़ी में 4,500 लीटर पानी होता है और अतिरिक्त पानी नगर निगम की ओर से उपलब्ध कराया गया. गुलजार हाउस की निचली मंजिल पर कई मोती की दुकानें हैं.

PM मोदी हादसे पर जताया दुख

इलाके के व्यापारी और हैदराबाद- सिकंदराबाद पर्ल्स एसोसिएशन के सचिव श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में तीन बार आग लग चुकी है और उन्होंने प्रशासन से इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस भीषण हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

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