बिजली का झटका, मंदिर में भारी भीड़, श्री लैराई 'जात्रा' में कैसे मची भगदड़? जानिए प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा
गोवा के शिरगांव में शुक्रवार रात श्री लैराई जात्रा उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक जताया है. अधिकारी घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं.

Goa Stampede: गोवा में शिरगांव में मंदिर में श्री लैराई 'जात्रा' में कल रात भगदड़ मचने से 7 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए. यह घटना शिरगांव मंदिर में एक बड़ी भीड़ के दौरान हुई. श्रद्धालु वार्षिक उत्सव में भाग ले रहे थे, तभी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई.
आधी रात को मंदिर में आग के चारों ओर भक्तों की भीड़ जमा हुई दिखाई दी, जिसमें आग के चारों ओर बैठकर मन्नतें मांगने की परंपरा है. भक्तों का मानना है कि अगर वे इस अनुष्ठान में भाग लेते हैं तो उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं. कुछ लोग अंगारों पर भी चलते हैं. लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि भगदड़ के समय लोग इस परंपरा में भाग ले रहे थे या नहीं.
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?
सुबह करीब 4 से 4:30 बजे अचानक भीड़ में भगदड़ मच गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब श्रद्धालु भागने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे, तो अफरा-तफरी मच गई. शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि भीड़भाड़ अधिक होने और भीड़ नियंत्रण उपायों की कमी के कारण भीड़ उमड़ी.
बिजली का झटका लगने से मची भगदड़
सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि अचानक बिजली का झटका लगने से भीड़ में भगदड़ मच गई. लेकिन अभी तक इसका सटीक कारण पता नहीं चल पाया है. बता दें कि ये महज एक अंदाजा है, वहां लोगों का कहना है, सिस्टम सही नहीं होने के कारण ये भगदड़ मची है.
आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया. पुलिस भगदड़ की जगह पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया. भगदड़ में 17 वर्षीय एक लड़के सहित 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
सुरक्षा का था पुख्ता इंतजाम
मंदिर में एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिनमें एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) स्तर का अधिकारी भी शामिल था. दर्जनों अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सैकड़ों कांस्टेबल और महिला पुलिसकर्मी भी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा थे. जेबकतरी और अन्य अपराधों को रोकने के लिए कई अधिकारी सादे कपड़ों में घूमते रहे.
गोवा रिजर्व पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था. यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए 300 से ज़्यादा ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. पुलिस ने भीड़ पर नज़र रखने के लिए ड्रोन से निगरानी की. एक वज्र वैन या दंगा नियंत्रण वाहन भी स्टैंडबाय पर रखा गया था.