EVM पर सुनवाई, बैलेट पेपर की मांग ख़ारिज; SC ने पूछा- कहां से लाते हैं ऐसे ब्रिलिएंट आइडिया
याचिका में बैलेट पेपर से वोटिंग के अलावा यह भी मांग की गई थी कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान पैसे, शराब या अन्य चीजें देकर मतदाताओं को लुभाने का दोषी पाया जाए, तो उसे पांच साल के लिए अयोग्य ठहराया जाए. याचिकाकर्ता ए. पॉल ने खुद को जनहित याचिकाएं दाखिल करने वाला बताया.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में फिर से बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, "जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम सही होती है. लेकिन जब हारते हैं तो ईवीएम पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हैं."
याचिका में बैलेट पेपर से वोटिंग के अलावा यह भी मांग की गई थी कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान पैसे, शराब या अन्य चीजें देकर मतदाताओं को लुभाने का दोषी पाया जाए, तो उसे पांच साल के लिए अयोग्य ठहराया जाए.
कहां से लाते हैं ये आइडिया
याचिकाकर्ता ए. पॉल ने खुद को जनहित याचिकाएं दाखिल करने वाला बताया. इस पर बेंच ने कहा, "आपको ये दिलचस्प विचार कहां से मिलते हैं?" पॉल ने बताया कि वह एक संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने तीन लाख अनाथों और 40 लाख विधवाओं की मदद की है. इसपर बेंच ने कहा कि आपका काम बहुत अलग है फिर आप राजनीति में क्यों आ रहे हैं?
आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं रह सकते
जब पॉल ने कहा कि उन्होंने 150 से ज्यादा देशों का दौरा किया है, तो बेंच ने पूछा कि क्या उन देशों में भी बैलेट पेपर से मतदान होता है या ईवीएम का इस्तेमाल होता है? पॉल ने कहा कि कई देशों में बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं और भारत को भी यही तरीका अपनाना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा कि आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं रह सकते?
हमें कोई पैसा नहीं मिलता
पॉल ने तर्क दिया कि भ्रष्टाचार के कारण ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि इस साल चुनाव आयोग ने 9000 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. कोर्ट ने पूछा कि अगर आप बैलेट पेपर पर लौटते हैं, तो क्या भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? जब पॉल ने चुनावों में पैसे बांटे जाने का जिक्र किया, तो कोर्ट ने मजाकिया अंदाज में कहा कि हमें तो कभी किसी चुनाव के लिए कोई पैसा नहीं मिला.
चुनाव हारे तो EVM पर लगाया आरोप
पॉल ने दावा किया कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है. उन्होंने आंध्र प्रदेश के नेताओं चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी का भी हवाला दिया, जिन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाए थे. इसपर कोर्ट ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू हारे, तो उन्होंने ईवीएम पर आरोप लगाया. अब जब जगन मोहन रेड्डी हारे तो वही आरोप लगाया जा रहा है.