LPG सिलेंडर से लेकर अमूल दूध तक की बढ़ी कीमतें, एटीएम से पैसे निकालना होगा महंगा; जानें आज क्या-क्या हुआ बदलाव
घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए कोई राहत नहीं मिली है, 1 मई 2025 को घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पिछले बदलाव 8 अप्रैल को किए गए थे, जब लगभग एक साल बाद 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी.

मई महीने की शुरुआत इंडियन ऑयल द्वारा एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव के साथ हुई है. जहां घरेलू गैस सिलेंडर की दरें वैसे की वैसे बनी हुई हैं, वहीं कॉमर्शियल उपयोग के लिए 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर के रेट में राहत दी गई है. देश के चार प्रमुख महानगरों में इन सिलेंडरों के दाम में ₹17 तक की कटौती की गई है. वहीं इसी के साथ अमूल दूध की बढ़ती किमतें और एटीएम से पैसे निकालना भी महंगा हो सकता है. आइए शुरु करें सिलेंडर की दरों से.
कॉमर्शियल सिलेंडर के नए रेट (1 मई 2025 से लागू)
कोलकाता 1868.50 1851.50 17
मुंबई 1713.50 1699.00 14.50
चेन्नई 1921.50 1906.50 15
दिल्ली 1762.00 1747.50 14.50
घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतें स्थिर
घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए कोई राहत नहीं मिली है, 1 मई 2025 को घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पिछले बदलाव 8 अप्रैल को किए गए थे, जब लगभग एक साल बाद 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी. वर्तमान में 14.2 किलो वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतें इस प्रकार हैं.
शहर घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलो) कीमत (₹)
दिल्ली 853.00
कोलकाता 879.00
मुंबई 852.50
चेन्नई 868.५०
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को राहत
भारत में कुल 32.9 करोड़ एलपीजी कनेक्शन हैं, जिनमें से 10.33 करोड़ कनेक्शन उज्ज्वला योजना के तहत आते हैं. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को हर सिलेंडर पर 300 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें घरेलू गैस सस्ते दामों पर उपलब्ध होती है. दक्षिणी राज्यों जैसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में राज्य सरकारों की अपनी योजनाएं पहले से चल रही हैं, जिसके कारण उज्ज्वला योजना का कवरेज इन क्षेत्रों में केवल 10% तक सीमित है.
सब्सिडी और बजट का हाल
वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार ने एलपीजी सब्सिडी के लिए 11,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. पिछले फाइनेंसियल ईयर में केंद्र ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की मदद दी थी, क्योंकि वे घरेलू गैस को भारी नुकसान पर बेच रही थी.
बैंक के नियमों में बदलाव
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए नियमों के अनुसार, 1 मई 2025 से एटीएम से तय मुफ्त लेन-देन की सीमा के बाद हर अलावा लेन-देन पर अब 23 रुपये का शुल्क लगेगा.पहले यह शुल्क 21 रुपये था. यह नया शुल्क वित्तीय (जैसे पैसे निकालना) और गैर-वित्तीय (जैसे बैलेंस चेक करना) दोनों तरह के लेन-देन पर लागू होगा. वहीं मेट्रो शहरों में कस्टमर अपने बैंक के एटीएम से हर महीने 3 रुपये मुफ्त लेन-देन कर सकते हैं, जबकि गैर-मेट्रो इलाकों में 5 मुफ्त लेन-देन की सुविधा मिलती है. इसके अलावा RBI द्वारा हाल ही में रेपो रेट में कटौती किए जाने के बाद कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव किया है.
बैंक की छुट्टियों में बदलाव
1 मई 2025 से इन दरों में और भी बदलाव हो सकते हैं, जिसका असर निवेश करने वालों और बचत करने वालों पर पड़ सकता है. मई 2025 में अलग-अलग फेस्टिवल और वीकेंड की वजह से बैंकों में कुल 12 दिन छुट्टियां रहेंगी. इनमें मजदूर दिवस, बुद्ध पूर्णिमा, महाराणा प्रताप जयंती, सभी रविवार और महीने का दूसरा और चौथा शनिवार शामिल हैं. ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे इन छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए अपने बैंक से जुड़े काम पहले से प्लान कर लें.
रेलवे बुकिंग में बदलाव
- अब स्लीपर और एसी कोच में वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं होगी
- वेटिंग टिकट केवल जनरल कोच में मान्य होगा
- एडवांस बुकिंग की अवधि 120 दिन से घटाकर 60 दिन की गई
बढ़ी अमूल दूध की कीमतें
देशभर में महंगाई की मार अब दूध पर भी साफ दिखने लगी है. मदर डेयरी और वेरका ब्रांड के बाद अब अमूल ने भी दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह बढ़ी हुई दरें गुरुवार, 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो गई हैं.
कौन-कौन से अमूल प्रोडक्ट होंगे महंगे?
- अमूल की जिन दूध किस्मों के दाम बढ़ाए गए हैं, उनमें शामिल हैं:
- अमूल स्टैंडर्ड मिल्क
- अमूल गोल्ड
- अमूल बफैलो मिल्क
- अमूल ताजा
- अमूल स्लिम एंड ट्रिम
- अमूल चाय मजा (टी स्पेशल मिल्क)
- अमूल काऊ मिल्क
इन सभी वेरिएंट्स की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.
क्यों बढ़े दूध के दाम?
अमूल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दूध प्रोडक्शन में लगने वाली लागत लगातार बढ़ रही है. पशु चारा, ट्रांसपोर्टेशन, पैकेजिंग और किसानों को दिए जाने वाले भुगतान में इज़ाफा हुआ है. इन सभी कारणों को देखते हुए दूध की कीमत बढ़ाना ज़रूरी हो गया था.
उपभोक्ताओं पर असर
इस बढ़ोतरी से आम आदमी के घरेलू बजट पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि दूध एक जरुरी डेली यूज आइटम है. खासकर उन परिवारों के लिए यह महंगाई और अधिक बोझ बढ़ा सकती है, जिनका रोज़मर्रा का खर्च पहले ही काफी बढ़ चुका है.