मुर्शिदाबाद में धुलियान में BSF पर फायरिंग, दो बच्चे घायल; चाय की चुस्कियों में फंसे यूसुफ पठान
वक्फ संशोधन कानून के विरोध में बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. BSF पर फायरिंग और बच्चों के घायल होने की खबर है. प्रशासन ने केंद्रीय बल तैनात कर 150 लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं, सांसद यूसुफ पठान के 'चाय' वाले पोस्ट पर बवाल मच गया है. DGP ने साफ चेतावनी दी कि हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी.

पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे एक गंभीर तनाव का रूप लेता जा रहा है. वहीं रविवार को धुलियान इलाके से उपद्रवियों की ओर से बीएसएफ टीम पर फायरिंग की खबर सामने आई है, जिसमें दो बच्चे घायल हुए हैं. हालांकि, अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है.
प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय बलों की तैनाती की है. शनिवार रात से ही सूती और शमसेरगंज थाना क्षेत्रों में लगातार गश्त की जा रही है. पुलिस गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद कर रही है और फिलहाल 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रविवार को सभी संगठनों के साथ एक शांति बैठक आयोजित की गई है, ताकि स्थानीय स्तर पर सामंजस्य बहाल किया जा सके.
किसी भी कीमत पर हिंसा बर्दाश्त नहीं
राज्य के डीजीपी राजीव कुमार खुद हिंसा प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं. वे लगातार स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकों में भाग ले रहे हैं और हालात पर नज़र बनाए हुए हैं. डीजीपी ने साफ कहा है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
यूसुफ पठान हुए ट्रोल
इस पूरे घटनाक्रम के बीच तृणमूल सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान एक इंस्टाग्राम पोस्ट के कारण सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार हो गए हैं. मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच उन्होंने "शांत दोपहर और बढ़िया चाय" का आनंद लेते हुए अपनी तस्वीरें शेयर की थीं, जिसके बाद यूजर्स ने उन्हें 'संवेदनहीन' बताते हुए ट्रोल किया. हालांकि, हिंसा प्रभावित क्षेत्र उनके निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा नहीं हैं, फिर भी समय के चयन को लेकर नाराज़गी जताई जा रही है.
2026 में होंगे विधानसभा चुनाव
राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस घटनाक्रम ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था और नेतृत्व की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जहां एक तरफ प्रशासन शांति बहाली में जुटा है, वहीं दूसरी ओर नेताओं का सोशल मीडिया व्यवहार जनता के गुस्से का कारण बन रहा है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे का राजनीतिक असर भी महसूस किया जा सकता है. 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस मुद्दे को बीजेपी भुनाने की कोशिश में लगी है और ममता बनर्जी सरकार को निशाना बना रही है.