रूस में लापता हैं अभी भी कई भारतीय, बेटे को यादकर पिता ने सुनाई आपबीती
भारतीयों को रूस सेना में भर्ती कराने के नाम पर लेकर गए और वहां जाकर उनसे रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया. उनमें से कई अभी भी लापता हैं और उनका कुछ पता नहीं चल रहा है. अब लापता लोगों के परिजन बहुत परेशान हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद अमीन शेख (65) का बेटा भी शामिल था.

Russia Ukraine News: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल संघर्ष देखने को मिल रहा है. दोनों देशों से किए गए हमले में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई है, लेकिन जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच युद्ध को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. कई भारतीयों को रूस सेना में भर्ती कराने के नाम पर लेकर गए और वहां जाकर उनसे रूस-यूक्रेन सीमा पर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया. उनमें से कई अभी भी लापता हैं और उनका कुछ पता नहीं चल रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस-यूक्रेन बॉर्डर पर जिन भारतीय को भेजा गया था वो सभी लापता हैं. इस संबंध में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी. अब लापता लोगों के परिजन बहुत परेशान हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर के रहने वाले मोहम्मद अमीन शेख (65) का बेटा भी शामिल था.
परिवार ने सरकार से की अपील
जानकारी के अनुसार मोहम्मद अमीन शेख ने अपने बेटे के बारे में पता करने के लिए भारत सरकार और रूसी सरकार से अपील की है. उन्होंने बताया कि मेरे बेटे जहूर शेख (27) ने परिवार से आखिरी बार 31 दिसंबर, 2023 को बात की थी. "उन्होंने फोन पर कहा कि वह ट्रेनिंग के लिए जा रहे हैं और तीन महीने तक उपलब्ध नहीं रहेंगे. लेकिन जब हमें जनवरी में रूस में भारतीयों की मौत की खबर मिली तो हम परेशान हो गए. फिर बेटे के नंबर पर कॉल किया तो संपर्क नहीं हो पाया. मोहम्मद अमीन ने कहा हमारी अब तक बेटे से बात नहीं हुई और ना नहीं उसके बारे में कुछ पता चला है.
दिल्ली पहुंचा परिवार
मोहम्मद अमीन ने बताया कि हमने बेटे के बारे में पता करने के लिए मॉस्को में दूतावास कई बार संपर्क किया. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. फिर उनके दो अन्य बेटे विदेश मंत्रालय और रुसलान दूतावास से जवाब मांगने के लिए पिछले हफ्ते दिल्ली पहुंचे. जहूर के बड़े भाई 31 वर्षीय ऐजस अमीन ने कहा कि "हमने एक अपील रूसी के दूतावास को भेजी है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 15 भारतीय अभी भी लापता हैं और हालांकि रूसी सरकार सहयोगी है, लेकिन जमीन पर उनके कमांडर उत्तरदायी नहीं हैं.'
नौकरी के नाम पर दिया धोखा
परिवार ने आगे बताया कि एक व्यक्ति ने नौकरी का वादा करने वाले यूट्यूब वीडियो देखने के बाद जहूर शेख रूस चला गया. जहां उसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती करा दिया गया और बॉर्डर पर हो रहे युद्ध में लड़ने को मजबूर किया.