Google India के एक्सपीरियंस को कनाडा नहीं दे रहा वैल्यू, शख्स ने सुनाई संघर्ष की कहानी
सेना से लेकर शिक्षा तक, हर जगह भारत की ताकत को कम आंका जाता है, लेकिन हम भारतीय किसी से कम नहीं होते हैं. हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्श बताता है कि Google India में काम करने के बाद भी उन्हें कनाडा में अच्छी सैलरी नहीं मिल रही है.

हाल ही में एक वीडियो ने कनाडा में इंडियन वर्क एक्सपीरियंस की लो वैल्यू के बारे में चर्चा छेड़ दी है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक वीडियो में डिजिटल क्रिएटर पीयूष मोंगा ने एक इंडियन प्रोफेशनल का इंटरव्यू लिया, जो एक साल से कनाडा में प्रोसेस इन्वेंट्री एसोसिएट के रूप में काम कर रहे हैं. Google India में तीन साल से ज़्यादा समय तक काम करने के बावजूद यह अपने मौजूदा सैलरी CAD 17,500 पर इयर (लगभग 10.78 लाख रुपये) से खुश नहीं है.
इस वीडियो में कनाडा में रोज़गार की तलाश कर रहे इंडियन प्रोफेशनल के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया है. इसमें सैलरी एक्सपेक्टेशन और इंटरनेशनल वर्क एक्सपीरियंस की वैल्यू को पहचानने के बारे में बताया है.
सिर्फ कनाडा कैंडिडेट्स को दी जाती है वैल्यू
वीडियो में इंडियन प्रोफेशनल ने कहा "वे सिर्फ़ कनाडाई उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं और भारतीय उम्मीदवारों की तलाश नहीं कर रहे हैं."जब उनसे उनकी नौकरी और वेतन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं एक प्रोसेस इन्वेंट्री एसोसिएट के रूप में काम करता हूं. पिछले एक साल से मैं 17.5 पर काम कर रहा हूं."
सैलरी से नहीं है खुश
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने सैलरी से खुश हैं? तो एक्स Google वर्कर ने कहा: "ज़ाहिर है कोई भी खुश नहीं है. आप उस तरह के पैसे से मुश्किल से ही अपना गुजारा कर सकते हैं. इसलिए मैंने Google India के साथ डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट के रूप में तीन साल से ज़्यादा समय तक काम किया है. लेकिन यहां आने के बाद मैं अभी जो कर रहा हूं, वह यह है कि मैं अपने अनुभव को कम कर रहा हूं क्योंकि वे मेरे अनुभव को नहीं गिन रहे हैं और उन्हें लगता है कि अगर आपके पास भारत का अनुभव है तो वह नहीं गिना जाएगा."
सरकार ने बदली कई नीतियां
इस वीडियो को पहले ही 2,000 से ज़्यादा लाइक मिल चुके हैं. जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार द्वारा इस महीने की शुरुआत में वर्क परमिट को कड़ा करने सहित इंटरनेशनल स्टूडेंट्स से जुड़ी कई नीतियों में बदलाव किए जाने के बाद आया है.
कनाडा द्वारा बदली गई कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय छात्र नीतियों में वित्तीय आवश्यकताओं में वृद्धि, काम के घंटे कम करना और छात्रों के प्रवेश की सीमा शामिल है. इन नीतिगत बदलावों के कारण कनाडा में कई भारतीय छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया है. भारतीय छात्र समुदाय ने भी कनाडा सरकार से इन नीतिगत बदलावों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.