पराली जलाने को लेकर SC ने केंद्र को लगाई फटकार, कहा- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम ‘शक्तिहीन’ हो गया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने में विफल रहने पर केंद्र की आलोचना की और कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम ‘शक्तिहीन’ हो गया है.

दिल्ली- NCR में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने में विफल रहने पर केंद्र की आलोचना की और कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम ‘शक्तिहीन’ हो गया है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि सख्त नियमों के बावजूद पंजाब और हरियाणा में इस साल पराली जलाने के 1,800 से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए. हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रबंधन पैनल ने कहा कि समिति की बैठकों में अधिकारियों की अनुपस्थिति में कमी आई है.
CAQM ने कहा कि सख्त निर्देशों के बावजूद पंजाब में पराली जलाने के 1,289 और हरियाणा में 601 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, बैठकों में अधिकारियों की अनुपस्थिति में कमी आई है. इसमें कहा गया कि पैनल प्रदूषण से निपटने की अपनी क्षमता बढ़ाने कि लिए तकनीकि, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रहा है.'
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-II के CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के आदेश के अनुपालन में, NDMC ने GRAP के चरण-II के निरस्त होने तक NDMC द्वारा प्रबंधित पार्किंग के लिए पार्किंग शुल्क (ऑफ-रोड/इनडोर) दोगुना कर दिया है.