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'शांति हमारी शर्तों पर ही आएगी', तिहाड़ से लौटें इंजीनियर राशिद ने जम्मू -कश्मीर में उगला आग

Jammu Kashmir Election 2024: इंजीनियर राशिद ने कहा कि हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा हल हो ताकि पूरे राज्य में शांति लौटे. कोई मां अपने बच्चों को न खोए और कोई भी जेल न जाए.

शांति हमारी शर्तों पर ही आएगी, तिहाड़ से लौटें इंजीनियर राशिद ने जम्मू -कश्मीर में उगला आग
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5 साल बाद तिहाड़ से लौटें इंजीनियर राशिद
सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Updated on: 12 Sept 2024 5:13 PM IST

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू -कश्मीर में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं. नेताओं के तीखे बयान और तेवर देखने को मिल रहा है. बुधवार को तिहाड़ जेल से अंतरिम कारावास पर रिहा हुए अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) (The Awami Ittehad Party)चीफ और सांसद शेख अब्दुल राशिद (Sheikh Abdul Rashid) ने हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद सड़क पर घुटनों के बल बैठकर अपना माथा टेका. उन्हें इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) के नाम से भी जाना जाता है.

इंजीनियर राशिद पांच साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद घर लौटे हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा कि कश्मीर के लोगों से ज्यादा किसी को शांति की जरूरत नहीं है लेकिन वे इसे अपनी शर्तों पर चाहते हैं न कि केंद्र द्वारा तय शर्तों पर. उन्होंने कहा, 'हम पीएम मोदी को बताना चाहते हैं कि शांति की जितनी जरूरत हमें है, उतनी किसी को नहीं है. लेकिन यह शांति हमारी शर्तों पर आएगी, आपकी शर्तों पर नहीं. हम कब्रिस्तान जैसी शांति नहीं चाहते बल्कि गरिमापूर्ण शांति चाहते हैं.'

आर्टिकल 370 हमें नहीं है स्वीकार्य -इंजीनियर राशिद

इंजीनियर राशिद ने आर्टिकल 370 के हटाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, 'कश्मीर के लोग जीतेंगे क्योंकि जम्मू -कश्मीर के लोग सच्चाई के रास्ते पर हैं. नरेंद्र मोदी के 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले हमें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. चाहे आप इंजीनियर राशिद को तिहाड़ भेजें या कहीं और हम विजयी होंगे.' अपने बेटे और पार्टी नेताओं के साथ मौजूद राशिद ने अपने समर्थकों से कहा कि वे हिम्मत न हारें क्योंकि सच्चाई हमारे साथ है.


हम भीख नहीं मांग रहे -इंजीनियर राशिद

उन्होंने आगे कहा, 'धरती पर कोई भी, चाहे वह नरेंद्र मोदी हो, चाहे अमित शाह हो , हमारी आवाज़ को दबा नहीं सकता. सत्य हमारे साथ है और सत्य की जीत होगी. हम भीख नहीं मांग रहे हैं. हम चाहते हैं कि हमारे साथ इंसानों जैसा व्यवहार किया जाए.' उन्होंने कहा कि सबसे पहले कश्मीरियों के आत्मसम्मान, अधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए.

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