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चुनाव आयोग की सख्ती, जेपी नड्डा और खरगे को लेटर; स्टार प्रचारकों के खिलाफ हुई थी शिकायत

JP Nadda Mallikarjun Kharge: चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. यह कार्रवाई दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों के खिलाफ हुई शिकायक के आधार पर की गई. दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को सोमवार तक जवाब दाखिल करना होगा.

चुनाव आयोग की सख्ती, जेपी नड्डा और खरगे को लेटर; स्टार प्रचारकों के खिलाफ हुई थी शिकायत
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( Image Source:  ANI )

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. स्टार प्रचारक अपनी पार्टी उम्मीदवार को वोट देने के लिए मतदाताओं से अपील कर रहे हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा से अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. शाह और खरगे अपनी-अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं.

जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे को 18 नवंबर को दोपहर एक बजे तक चुनाव आयोग के सामने जवाब दाखिल करना होगा. बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने 6 नवंबर को मुंबई में दिए अपने भाषण में अन्य राज्यों पर महाराष्ट्र से कथित अवसरों को चुराने और छीनने का झूठा आरोप लगाया है.

'महाराष्ट्र के युवाओं को भड़का रहे राहुल गांधी'

एनडीटीवी के मुताबिक, बीजेपी ने 11 नवंबर को दर्ज कराई गई शिकायत में कहा कि राहुल गांधी अपने बयानों के जरिए महाराष्ट्र के युवाओं को भड़का रहे हैं. यह देश की एकता और अखंडता के लिए बेहद खतरनाक है. उनका भाषण झूठ और मिथ्या से भरा हुआ है. उन्होंने अपने बयान के जरिए महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों के लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश की है.

कांग्रेस ने 13 नवंबर को दर्ज कराई शिकायत

दूसरी तरफ कांग्रेस ने 13 नवंबर को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 नवंबर को धनबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बारे में झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावना पूर्ण और निंदनीय बयान दिया है.

'धर्म और जाति के आधार पर मतदातओं को भड़का रहे अमित शाह'

कांग्रेस का कहना है कि अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस और सहयोगी एससी, एसटी और ओबीसी के खिलाफ हैं और देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. उनके बयान का एकमात्र मकसद धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काना है, ताकि वोटों को एकजुट किया जा सके और मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया जा सके.

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