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Ek Hain To Safe Hain: PM मोदी के नारे से मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर क्या BJP को मिलेगी 'संजीवनी'?

Ek Hain To Safe Hain: महाराष्ट्र के धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा दिया था. इस नारे का मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर कितना असर पड़ेगा, आइए जानते हैं...

Ek Hain To Safe Hain: PM मोदी के नारे से मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर क्या BJP को मिलेगी संजीवनी?
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मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सुनाई दे रही पीएम मोदी के नारे की गूंज
( Image Source:  ANI )

Ek Hain To Safe Hain: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा. उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूबे का सियासी पारा बढ़ा दिया है. उनके 'एक हैं तो सेफ हैं' नारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रचार अभियान का मुख्य हिस्सा बन गया है. इस नारे की गूंज मुस्लिम बहुल सीटों पर सबसे अधिक गूंजता हुआ दिखाई दे रहा है. इन सीटों पर हर एक वोट मायने रखता है.

ऐसी ही एक मुस्लिम बाहुल्य सीट है ठाणे की भिवंडी ईस्ट सीट... यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 55 प्रतिशत से अधिक है. पिछले तीन चुनावों की बात करें तो यहां जीत का अंतर 1300 से 3300 वोटों के बीच रहा है.

2019 में सपा को मिली जीत

भिवंडी ईस्ट से 2019 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रईस शेख को जीत मिली थी. वे इस बार फिर से महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले, 2010 और 2014 में यहां से अविभाजित शिवसेना को जीत मिली थी.

पीएम मोदी के नारे से मिल रही बड़ी चुनौती

पीएम मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे से रईस शेख को बड़ी चुनौती मिल रही है. हालांकि, उनका कहना है कि यह नारा किसी और जगह चल सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं.. यहां के लोग आंबेडकर की विचारधारा का पालन करते हैं. उनके इस नारे से हमारी जीत की संभावना बढ़ गई है.

मुसलमानों को गुमराह कर रहे रईस शेख

रईस शेख के खिलाफ चुनाव लड़ रहे शिंदे गुट की शिवसेना के उम्मीदवार संतोष शेट्टी ने कहा कि पीएम मोदी के नारे से सपा उम्मीदवार घबरा गए हैं. वे मुसलमानों के साथ घर-घर जाकर बैठक कर रहे हैं और उनसे कह रहे हैं- वे एक हो गए हैं. रईस मुसलमानों को गुमराह कर उनका वोट लेना चाहते हैं.

मुसलमानों का क्या कहना है?

पीएम मोदी के नारे के बारे में जब बुजुर्ग मुस्लिमों से सीएनएन-न्यूज 18 ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हम कहां अलग हैं. सब एक ही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी गलत बातें कह रही है. वह समुदायों को लड़ाना चाहती है. हम विकास चाहते हैं. जो काम करें, उनको वोट दो... जाति या धर्म के आधार पर वोट नहीं करना चाहिए. रईस ने जितना काम किया है, उतना काम किसी विधायक ने अब तक नहीं किया.

भाजपा समर्थकों का क्या कहना है?

भाजपा समर्थकों का कहना है कि एमवीए यानी महाविकास आघाड़ी का पूरा अभियान संविधान और आरक्षण पर खतरा होने का फर्जी नैरेटिव फैलाकर वोट हासिल करने पर केंद्रित है. पीएम मोदी का नारा सांप्रदायिक नहीं है. बीजेपी की योजनाएं सभी के लिए हैं. कांग्रेस विकास पर कुछ नहीं बोलती. विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है.

शेख ने किया अपनी जीत का दावा

इस बीच, रईस शेख ने अपनी जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की नीति खत्म हो गई है. मैं एक मुस्लिम उम्मीदवार हूं, लेकिन मेरे आस-पास हिंदू समुदाय के दोस्त भी हैं. मुझे लगता है कि विकास काम करेगा.

शेट्टी ने कहा- शेख को मुंबई वापस भेज दो

शिेंद गुट के उम्मीदवार शेट्टी ने लोगों से एक होने की अपील करते हुए कहा कि सब एक हो जाओ और शेख को मुंबई वापस भेज दो. शेख मुंबई के हैं. शेट्टी को प्रधानमंत्री के नारे पर पूरा भरोसा है.

महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी कितनी है?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र की 11 करोड़ 24 लाख की आबादी में 11.56 प्रतिशत मुस्लिम हैं. बीजेपी का ऐसा मानना है कि उसे मुस्लिमों का वोट न के बराबर मिलता है. ऐसे में उसने खुलकर हिंदुत्व वाला कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. राज्य की 288 सीटों में से 38 सीटों पर मुस्लिम वोटों निर्णायक साबित होते हैं. इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा है. वहीं, सूबे की 9 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी 40 फीसदी से भी ज्यादा है.

बीजेपी-कांग्रेस को 2019 में 11-11 सीटों पर मिली जीत

मुस्लिम बाहुल्य सीटों की बात करें तो मालेगांव में 78.4 फीसदी. मुंबादेवी में 50.9 फीसदी, भिवंडी वेस्ट में 49.5 फीसदी, अमरावती में 46.5 फीसदी और कोला वेस्ट में 41.6 फीसदी मुस्लिम आबादी है. मुस्लिम बाहुल्य 38 सीटों में से पिछली बार 11-11 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस, 9 पर शिवसेना, तीन पर एनसीपी, 2 पर सपा और एआईएमआईएम उम्मीदवार को जीत मिली थी.

20 सीटों पर बढ़ा बीजेपी का वोट शेयर

गौर करने वाली बात यह है कि मुस्लिम इन 38 सीटों में से केवल 8 सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी चुने गए. वहीं, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में 20 सीटों पर बीजेपी के वोट शेयर बढ़े हैं. वहीं, 7 सीटों पर महायुति के वोट शेयर में 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है.

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