राहुल गांधी के बयान का डिंपल यादव ने किया समर्थन, बोलीं- जो कहा सच कहा है
राहुल गांधी के बयान पर छिड़े सियासी घमासान के बीच सपा नेता डिंपल यादव ने दी प्रतिक्रिया देते हुए उनका समर्थन किया है.

कांग्रेस नेता रहुाल गांधी भले ही अपनी विदेश यात्रा से वापसी लौट चुके हों लेकिन उनकी यात्रा के चर्चे सियासी गलियारों में अभी भी तेज है. एक ओर सत्ता पक्ष की ओर से राहुल गांधी के बयान की लगातार आलोचनाएं हो रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता उनके इस बयान का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. आलम ऐसा है कि दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी हो चुका है. इसी क्रम में सपा नेता डिंपल यादव ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए कहा कि सच बोला जा रहा है.
सच बोला जा रहा है
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सपा नेता डिंपल यादव से जब राहुल गांधी के बयान को लेकर सवाल किया गया तो इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप उन्होंने कहा कि "सच बोला जा रहा है. जब भी सच बोला जाता है तो भाजपा को इससे तकलीफ पहुंचती है. मैं उत्तर प्रदेश के युवाओं से पूछना चाहती हूं कि क्या उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी नहीं है? महिलाएं असुरक्षित नहीं हैं? अग्निवीरों के लिए क्या व्यवस्था है? पूरी दुनिया जानती है कि आज उत्तर प्रदेश और देश में बेरोजगारी है. सच बोलने में कोई जगह नहीं देखी जाती है, सच सच होता है." जिस बयान पर इतना विवाद छिड़ा है, वो बयान आखिर है क्या आइए जानते हैं.
क्या बोले राहुल गांधी?
विदेश यात्रा पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत को लेकर बयान जारी किया. जिस पर बीजेपी ने आरोप लगाया कि उन्होंने विदेश में भारत की बुराई की है. अब ऐसे में सवाल यह आता है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या कहा था जिसपर सियासी घमासान जारी हुआ. बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि RSS का मानना है कि भारत एक विचार है, लेकिन हमारा ऐसा मानना है कि भारत विचारों की विविधता है. उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण है कि हर किसी को भाग लेने, सपने देखने और अपनी पहचान के साथ योगदान देने की अनुमति दी जानी चाहिए, चाहे वह जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास से संबंधित हो, यह लड़ाई चुनाव में स्पष्ट हो गई जब लोगों ने देखा कि प्रधानमंत्री भारत के संविधान पर हमला कर रहे हैं. संविधान आधुनिक भारत की नींव है, और चुनावों में लोगों ने इसे समझा.उन्होंने आगे कहा कि 'जब मैं संविधान को उठाता था, तो लोग समझते थे कि BJP हमारी परंपरा, भाषा, राज्यों और इतिहास पर हमला कर रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो भी भारत के संविधान पर हमला करता है, वह हमारी धार्मिक परंपरा पर भी हमला कर रहा है. इसी वजह से, संसद में मेरे पहले भाषण में जब मैंने अभयमुद्रा का वर्णन किया, तो यह निर्भयता का प्रतीक था जो हर भारतीय धर्म में मौजूद है.'
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा ने इस संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि वे समझ नहीं पाए. चुनाव परिणाम के तुरंत बाद, लोगों ने भाजपा और प्रधानमंत्री से डरना बंद कर दिया. ये भारत के लोगों की बड़ी उपलब्धियां हैं, जो लोकतंत्र को महसूस कर चुके हैं और संविधान पर हमलों को स्वीकार नहीं करेंगे। यह राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की नहीं, बल्कि भारत के लोगों की जीत है.