5 साल, 300 करोड़ रुपये और 5,000 वीजा, दिल्ली के तिलक नगर में फर्जी वीजा फैक्ट्री का भंडाफोड़
Delhi Counterfeit visa factory: पुलिस के अनुसार, गिरोह हर महीने 30-60 फर्जी वीजा बनाता था और सिर्फ 20 मिनट में वीजा स्टिकर तैयार कर लेता था.

Delhi Fake visa factory: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) के पुलिस अधिकारियों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. 2 सितंबर को हरियाणा के संदीप नामक एक व्यक्ति को दिल्ली एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच के दौरान फर्जी स्वीडिश वीजा पर इटली जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप के खुलासे से पिछले पांच सालों से दिल्ली में चल रहे फर्जी वीजा रैकेट का भंडाफोड़ हुआ, जिसने अब तक चार से पांच हजार जाली वीजा बनाए हैं और इस तरह से 300 करोड़ रुपये कमाए हैं.
आईजीआई एयरपोर्ट की पुलिस उपायुक्त (DCP) उषा रंगनानी ने बताया कि छह एजेंटों को गिरफ्तार किया गया और नकली शेंगेन वीजा के साथ 14 नेपाली और दो भारतीय पासपोर्ट भी बरामद किए गए. उषा रंगनानी ने कहा, 'तिलक नगर में एक नकली वीजा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया है. नकली वीजा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण को जब्त कर लिया गया है, जिसमें स्टांप और वॉटरमार्क सामग्री शामिल हैं.' उन्होंने बताया कि इसे लेकर जांच जारी है.
20 मिनट में वीजा स्टिकर तैयार
पुलिस के अनुसार, वे हर महीने करीब 30-60 फर्जी वीजा बनाते थे और सिर्फ 20 मिनट में वीजा स्टिकर तैयार कर लेते थे. हर फर्जी वीजा 8-10 लाख रुपये में बेचा जाता था. रैकेट संचार के लिए टेलीग्राम, सिग्नल और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करता था और कई क्षेत्रों में स्थानीय एजेंटों का एक जटिल जाल था जो विदेश में नौकरी चाहने वाले लोगों से जुड़ते थे.
पहले भी नकली वीजा को लेकर हुई है करवाई
इससे पहले एक नेपाली नागरिक को दिल्ली में एक ठिकाने से नकली वीजा रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार, उसने कथित तौर पर लोगों को आसानी से पैसे कमाने और विदेश में बेहतर आजीविका का वादा करके लुभाया था. आरोपी सुनील थापा को अपने सहयोगियों की मदद से एक महिला नेपाली यात्री के लिए भारतीय पासपोर्ट पर नकली हांगकांग वीजा की व्यवस्था करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, 'एक महिला यात्री सबीना गुरुंग फर्जी भारतीय पासपोर्ट के जरिए 5 अगस्त, 2024 को हांगकांग से दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंची.'