भाषा की राजनीति के बीच 'जिया कुमारी की कहानी आंख खोलने वाली... केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही यह बात
Dharmendra Pradhan: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश में भाषा की राजनीति करने वालों पर हमला बोला है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी हाल ही में अखबारों में यह खबर आई थी. जिया का जन्म बिहार में हुआ वह चेन्नई में रहती है. उसने बोर्ड में तमिल में 100 में से 93 नंबर हासिल किए. उन्होंने कहा कि यह कहानी उन सभी के लिए आंख खोलने वाली है जो भाषा को बांटने का माध्यम बना रहे हैं.

Dharmendra Pradhan: तमिल भाषा और हिंदी को लेकर अक्सर विवाद देखने को मिलता है. इस मुद्दे पर राजनीति भी की जाती है. हाल ही में तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर काफी विवाद मचा हुआ है. अब तमिलनाडु 10वीं बोर्ड परीक्षा में बिहार की लड़की ने कमाल कर दिखाया है. उसने 100 में से 93 नंबर हासिल किए. इसी को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भाषा की राजनिति करने वालों पर हमला बोला है.
केंद्रीय मंत्री सोमवार (19 मई) को भारतीय भाषा समर कैंप के लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बिहार की छात्रा दी जिया कुमारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह कहानी उन सभी के लिए आंख खोलने वाली है जो भाषा को बांटने का माध्यम बना रहे हैं. मंत्री ने जिया की मेहनत और सफलता की सराहना की है.
क्या बोले धर्मेंद्र प्रधान?
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी हाल ही में अखबारों में यह खबर आई थी. जिया का जन्म बिहार में हुआ, लेकिन उसके पिता रोजगार की तलाश में 17 साल पहले चेन्नई आ गए थे. अब उनकी तीनों बेटियां तमिल मिडियम से पढ़ रही हैं. जिया कुमारी ने दिखा दिया कि भाषा कोई रुकावट नहीं, बल्कि सीखने और जुड़ने का माध्यम है.
उन्होंने कहा कि यह कहानी उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश है, जो भारतीय भाषाओं को विभाजन का कारण बनाते हैं, जबकि सच यह है कि भारत की भाषाएं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक हैं. बता दें कि यह कैंप गर्मियों की छुट्टियों में सरकारी स्कूलों में आयोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को भारत की विभिन्न भाषाओं से परिचित कराया जा सके.
जिया कुमारी ने कर दिखाया कमाल
जिया कुमारी ने तमिल 10वीं बोर्ड में 100 में से 93 नंबर हासिल किए. इससे सभी चौंक गए कि हिंदी बिहारी की हिंदी भाषी लड़की कैसे तमिल में इतने अच्छे नंबरों से पास हो गई. अब पूरे देश में जिया की तारीफ हो रही है. वह एक कमरे के मकान में अपने परिवार के साथ रहती है, जिसमें माता-पिता, जिया और दो बहनें और हैं. उसके पिता मजदूरी करते हैं और अपने परिवार की देखभाल कर रहे हैं.
कैसे सिखी तमिल?
जिया ने कहा कि तमिल सीखना हिंदी के मुकाबले थोड़ा मुश्किल है, लेकिन बेसिक्स सीखकर सब आसान हो जाता है. उसने अपनी स्कूल टीचर और दोस्तों की मदद से तमिल बोलना और लिखना सीखा है. करीब 10 सालों से तमिल में लिख रही है और बोल रही है. अब जिया 11वीं में बायो-मैथ्य ग्रुप की पढ़ाई करने वाली है और साथ में नीट यूजी की तैयारी भी करेगी.