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DCGI ने आई ड्रॉप का लाइसेंस किया कैंसिल, 15 मिनट में चश्मे हटाने का कर रहा था दावा

DCGI Suspends Licence For Eye Drop: आम जनता को गुमराह करने के आरोप में प्रेसवू नामक आई ड्रॉप पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने बड़ा एक्शन लेते हुए कंपनी का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है.

DCGI ने आई ड्रॉप का लाइसेंस किया कैंसिल, 15 मिनट में चश्मे हटाने का कर रहा था दावा
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DCGI Suspends Licence For Eye Drop
सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Published on: 12 Sept 2024 1:04 PM

DCGI Suspends Licence For Eye Drop: दवा कंपनियों के झूठे दावे के साथ जनता को गुमराह करना अब नहीं चलेगा. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ऐसी कंपनियों पर कारवाई करने की पूरी तैयारी कर ली है. DCGI ने बुधवार को प्रेसवू (PresVu eye drop) नामक आई ड्रॉप के निर्माण और मार्केटिंग के लाइसेंस को कैंसिल कर दिया है. कंपनी पर आरोप है कि झूठे दावों के जरिए वह आम जनता को गुमराह करने का काम कर रही थी.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा कि इसकी निर्माता कंपनी एनटोड फार्मास्यूटिकल्स ने भ्रामक दावे किए थे कि यह पहला आई ड्रॉप है जो पढ़ने के लिए चश्मे की जगह ले लेगा. इसमें बताया गया था कि इसके इस्तेमाल से महज 15 मिनट के भीतर निकट दृष्टि बढ़ जाएगी. यह प्रचार बेहद आक्रामक तौर पर दिखाया गया था.

डीसीजीआई के सवालों पर प्रेसवू की चुप्पी

डीसीजीआई के आदेश में कहा गया है कि कंपनी पूछे गए सवाल का जवाब देने में असफल रही और उस उत्पाद के लिए दावों को सही ठहराने की कोशिश की, जिसके लिए कोई मंजूरी नहीं दी गई थी.ट डीसीजीआई ने स्पष्ट किया कि ड्रॉप को सिर्फ प्रेसबायोपिया के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन इसे किसी भी ऐसे दावे के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी कि यह पढ़ने के चश्मे की आवश्यकता के बिना दृष्टि की क्षमता को बढ़ा सकता है.

कंपनी ने दी अपनी दलील

प्रेसवू आई ड्रॉप कंपनी ने इसे लेकर कहा कि कंपनी ने आई ड्रॉप को लेकर कोई भी अनैतिक और भ्रामक प्रचार नहीं की है. वह मामले में न्याय को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. कंपनी ने अपने बयान में कहा, 'डीसीजीआई की मंजूरी हमें 234 रोगियों पर की गई रिसर्च के आधार पर मिली थी. ये रोग सभी रोगियों पर सफल रही थी. उन्होंने इसके इस्तेमाल के बाद रोगियों ने आसानी से लाइनों को भी पढ़ा था.'

कंपनी ने आगे बयान में कहा, 'समान सक्रिय घटक और समान सांद्रता वाली ऐसी ही एक आई ड्रॉप्स को अमेरिकी में FDA ने मंजूरी दे दी है और पिछले तीन साल से अमेरिका में इनका मार्केट बिना किसी गंभीर जटिलता के किया जा रहा है. FDA ने अमेरिका में ऐसी दवाओं को बेचने वाली कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की.'

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